गरीबों को साल में दो बार दस रुपये में साड़ी और धोती या लुंगी, हेमन्त सरकार ने फिर से शुरू की योजना
कोरोना काल में सरकार से लेकर लोगों की माली हालत ठीक नहीं, गरीबों पर मार कुछ ज्यादा ही है। ऐसे में हेमन्त सरकार ने गरीबों को तोहफा दिया है। मात्र दस रुपये में साड़ी और धोती या लुंगी मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को दुमका से इस योजना की शुरुआत कर दी है। उसी के साथ जिलों में भी सांकेतिक तौर पर लोगों के बीच दस रुपये में साड़ी और धोती या लुंगी वितरण किया गया। 2014 में दुमका से ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की थी मगर रघुवर सरकार के आने के बाद 2015 में इसे बंद कर दिया गया। बता दें कि सोना सोबरन जिनके नाम पर यह योजना शुरू की गई है वे हेमन्त सोरेन के दादा और शिबू सोरेन के पिता हैं। साड़ी-धोती आम परिधान है तो लुंगी अल्पसंख्यकों में ज्यादा पसंदीदा है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि 2014 में मेरी सरकार ने झारखंड की गरीब जनता के लिए धोती-साड़ी योजना शुरू की थी जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था। आज का दिन ऐतिहासिक है। गरीब जनता को तन ढकने के लिए फिर से '' सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना'' शुरू की जा रही है। साल में दो बार दस रुपये में इस योजना का लाभ गरीब जनता को मिलेगा।
दुमका के पुलिस लाइन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के राज्य के लाखों बीपीएल परिवारों को लाभ मिलेगा। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले राष्ट्रीय खाद्य सुराा अधिनियम से कवर्ड राशन कार्ड धारी 57.15 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। पीडीएस दुकानों से उन्हें साड़ी और धोती या लुंगी हासिल हो सकेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं उसी कड़ी में इस योजना की शुरुआत की गई है। ग्रामीणों को कई बार योजनाओं की जानकारी न होने के कारण उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता। लोगों से अपील की कि वे सरकारी दफ्तरों में जाकर तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी लें और उससे जुड़ें। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। मौके पर उन्होंने करीब 38 करोड़ की 18 योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन और 230 करोड़ की अनेक योजनाओं का शिलान्यास किया। समारोह में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल आदि मौजूद थे।