जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र ध्वज और संविधान के तहत ‘ऐतिहासिक’ विधानसभा चुनाव हो रहे: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का शनिवार को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र ध्वज और संविधान के तहत होने वाला पहला विधानसभा चुनाव है।
शाह ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन पर ‘‘पुरानी व्यवस्था’’ को पुनर्जीवित करने की कोशिशें करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार आतंकवाद को फिर से सिर नहीं उठाने देगी और गुर्जर, पहाड़ी, बक्करवाल तथा दलित समेत किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने देगी, जिन्हें भाजपा सरकार ने आरक्षण दिया है।
शाह 18 सितंबर से तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान को मजबूती देने के वास्ते जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को दौरे के पहले दिन पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी किया और प्रचार रणनीति पर चर्चा के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दो अहम बैठकों की अध्यक्षता भी की।
गृह मंत्री ने शनिवार को यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की एक रैली में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनाव ऐतिहासिक हैं, क्योंकि आजादी के बाद यहां पहली बार हमारे राष्ट्र ध्वज व संविधान के तहत चुनाव हो रहे हैं, जबकि पहले दो ध्वज और दो संविधान के तहत चुनाव होते थे। हमारे पास कश्मीर से कन्याकुमारी तक केवल एक प्रधानमंत्री है और वह नरेन्द्र मोदी हैं।’’
नेकां-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि वे एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को ऐसे वक्त में आतंकवाद की आग में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं, जब सरकार केंद्र-शासित प्रदेश में आतंकवाद की घटनाओं में 70 फीसदी कमी लेकर आई है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘नेकां और कांग्रेस कभी जम्मू-कमीर में सरकार नहीं बना पाएंगी, इसे लेकर आश्वस्त रहें।’’
शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को अगली सरकार बनाने में पार्टी उम्मीदवारों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया।