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07 May 2015

घर गरीबों के लिए, मासिक किस्त 34 हजार रुपये

निराला त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं कैसे गरीबों का मजाक बनाती हैं उसकी एक बानगी भर है समाजवादी आवास योजना। पूरे जोर-शोर से शुरू की गई समाजवादी आवास योजना के तहत सिर पर छत पाने के लिए गरीबों को 34 हजार रुपये की मासिक किस्त देनी होगी। सवाल है कि इतना पैसा देने वाले क्या गरीब की श्रेणी में आएंगे? विडंबना यह भी है कि इस योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मई को एक पांच सितारा होटल में की। स्वाभाविक रूप से विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार गरीबों का मजाक बना रही है।

इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड 7756 फ्लैट बनाएगा, जिनकी कीमत सवा बारह लाख रुपये से लेकर तीस लाख रुपये के बीच होगी। वर्तमान नियमों के तहत यह कीमत 3 साल में समान मासिक किस्तों में चुकाई जानी है। यानी 12 लाख रुपये के फ्लैट के लिए करीब 34 हजार रुपये मासिक किस्त देनी होगी। इसी वजह से गरीबों को फ्लैट देने का ऐलान राजनीतिक विवाद में फंसता दिख रहा है और लगता है कि अब राज्य सरकार छीछालेदर से बचने की कोशिश कर रही है।

बोर्ड के सचिव आर.पी. सिंह के अनुसार कर्ज पर किस्त देने की अवधि मौजूदा तीन साल से बढ़ा दी जाएगी। बोर्ड में कर्ज अदायगी की अवधि आठ से दस साल करने का प्रस्ताव लाया जाएगा। इस प्रकार अधिकतम तिमाही किस्त दस हजार रुपये से तेरह हजार रुपये के बीच  होगी। पूर्व में प्रस्तावित तीन साल की कर्ज अदायगी योजना के बारे में उन्होंने कहा कि किस्त की ऊंची रकम होने की वजह थी कि इस योजना के तहत कोई ब्याज नहीं लिया जा रहा था।

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सपा सरकार की इस योजना के बारे में भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि यह ना सिर्फ गरीबों बल्कि समाजवाद का भी मजाक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गरीबों की इस योजना की शुरुआत पांच सितारा होटल में की लेकिन अधिकारियों ने कोई होम वर्क नहीं किया। कोई गरीब 34 हजार रुपये की किस्त कैसे दे सकता है। कांग्रेस विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने भी कहा कि कोई गरीब इतनी बड़ी रकम कैसे दे सकता है। 

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TAGS: उत्तर प्रदेश, समाजवादी आवास योजना, अखिलेश यादव, मासिक किस्त, भाजपा, कांग्रेस, आलोचना, Uttar Pradesh, Samajwadi awas yojna, Akhilesh Yadav, EMI, BJP, Congress, criticism
OUTLOOK 07 May, 2015
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