हुड्डा ने पहुंचाया वाड्रा को लाभ
कैग ने अपनी रिपोर्ट में लाभ के कई पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कराई। जिसके बाद से प्रदेश में सियासत गरम हो गई है। कांग्रेस ने जहां हुड्डा सरकार का बचाव किया है वहीं भाजपा ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि किस प्रकार से कांग्रेस ने प्रदेश में अनुचित काम किया है।
वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव जिले के मानेसर में साल 2008 में 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ के हाथ 58 करोड़ रुपए में बेची थी। हुड्डा सरकार की मंजूरी से इस जमीन के भूमि उपयोग में परिवर्तन (सीएलयू) के बाद इसे डीएलएफ को बेच दिया गया। मंगलवार को हरियाणा विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की गई जिसके मुताबिक, विशेष आवेदक (वाड्रा की कंपनी) को अनुचित लाभ देने की संभावना खारिज नहीं की जा सकती।
रिपोर्ट में हुड्डा सरकार द्वारा वाड्रा की कंपनी को विशेष महत्व देने पर भी सवाल उठाया गया है। गौरतलब है कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को अवैध बताते हुए रद्द करने का आदेश दिया था।
खेमका का आरोप था कि वाड्रा के जमीन सौदों से राज्य को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने साल 2005 के बाद वाड्रा की कंपनी द्वारा खरीदे गए सभी जमीनों के सौदे की जांच के आदेश दिए। लेकिन हुड्डा सरकार ने वाड्रा को क्लिन चिट दे दी और इस आदेश के लिए खेमका पर ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। उसके बाद से खेमका हुड्डा सरकार के निशाने पर आ गए। बाद में पता चला कि वाड्रा ने गुड़गांव के अलावा पलवल, फरीदाबाद तथा मेवात में भी जमीनें खरीदी थीं। उसके अलावा वाड्रा की कंपनी पर राजस्थान में भी जमीन खरीदने का आरोप लगा था।