बिहार में मौखिक आदेश नहीं मानेंगे आईएएस
खफा अफसरों ने यहां तक कह दिया कि वे बीएसएससी, टेक्निकल सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड का चेयरमैन और बीसीईसीई एग्जाम कंट्रोलर का पद नहीं लेंगे। इतना ही नहीं मंत्री-विधायक, बड़े अधिकारी क्या, मुख्यमंत्री कार्यालय तक का सिर्फ लिखित आदेश ही मानेंगे। जब तब मांगें पूरी नहीं होती, वे काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे।
इससे पहले अधिकारियों के संघ ने सुधीर की गिरफ्तारी को असली आरोपियों को बचाने की साजिश करार दिया। बैठक के बाद वे सभी राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मिलने 5 अफसरों का प्रतिनिधिमंडल गया और उन्हें ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन की कॉपी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव तथा सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन को भी भेजी गई है।
राज्यपाल से मिलने के बाद आईएएस एसोसिएशन (बिहार ब्रांच) के सचिव विवेक सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि दूध का दूध पानी का पानी हो। उन्होंने कहा कि सुधीर, जांच में सहयोग कर रहे थे। फरार नहीं थे। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी कई सवाल पैदा करती है। विवेक सिंह ने कहा कि सुधीर और उनके पूरे परिवार को एसआईटी टारगेट कर रही है।
एसआईटी कहती है उसने सुधीर को वेटनरी कॉलेज के पास उनके आवास से गिरफ्तार किया, जबकि पहले हजारीबाग के घर से गिरफ्तार करने की बात आ चुकी है। सुधीर की कानूनी लड़ाई में व अन्य खर्चों का वहन एसोसिएशन करेगा।
आईएएस अफसरों के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने और मानव श्रृंखला बनाने की बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है। वहीं मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह चुप रहे। दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि सुधीर कुमार की छवि ईमानदार अफसर की है। मुझे पता नहीं क्या गड़बड़ी हुई है? जांच चल रही है। कानून अपना काम कर रहा है।