किसानों को मिले खराब बीज, मटर की फसल को नुकसान
पंजाब में होशियारपुर और नवांशहर के मटर उत्पादक किसानों ने कीर्ति किसान यूनियन के समर्थन से धमकी दी है कि यदि सरकार ने उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया तो वह आंदोलन करेंगे। राज्य में इससे पहले कपास उत्पादक किसानों ने घटिया कीटनाशक की वजह से सफेद कीट के हमले के कारण भारी नुकसान की शिकायत की थी।
मटर की फसल आमतौर पर 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन सितंबर में मक्का के बाद किया जाता है। यह उत्पादक किसानों को आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध कराती है। गेहूं की बुवाई से पहले इसकी कटाई कर ली जाती है। पंजाब के किसानों की शिकायत है कि इस बार मटर की फसल तय अवधि के भीतर तैयार नहीं हुई जिसकी वजह से गेहूं की बुवाई में देरी हो गई।
होशियारपुर जिले के अलीपुर गांव के एक किसान हर्मेश देसी ने कहा कि अधिक खर्च करने के बावजूद इस बार इसका लाभ नहीं मिला। राज्य के कृषि विभाग ने जिस एपी-3 बीज की आपूर्ति की उसमें गड़बड़ है। होशियारपुर और नवांशहर क्षेत्र के मटर उत्पादकों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है।