छठ: ढिलाई से कोरोना की दूसरी लहर का खतरा, झारखंड शासन के लिए चुनौती
झारखंड में नदी, तालाबों के किनारे छठ पूजा करने की इजाजत के बाद सरकार ने अलर्ट जारी किया है। कोरोना के दूसरे लहर की आशंका जाहिर करते हुए विशेष सतर्कता का निर्देश जारी किया है।
कोरोना को देखते हुए नदी, तालाबों, डैम, झील आदि के किनारे पूजा पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया था। छठ पूजा में छूट को लेकर राजनीति और सोशल मीडिया में राहत को लेकर आक्रामक तेवर के बाद हेमंत सरकार ने नदी, घाटों पर पूजा की इजाजत दे दी है। छूट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजेशन पर जोर दिया था।
दुर्गापूजा, दीपावली के बाद दिल्ली, केरल, आंध्र महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में तेजी आई है। ठंड से और तेजी की आशंका है। इसे देखते हुए झारखंड में भी सतर्कता की जरूरत है।
मुख्यमंती के आदेश के बाद सरकार ने राहत संबंधी आदेश जारी कर दिया। इधर मुख्य सचिव ने पूजा के बाद कोरोना के केस बढ़ने और इस महामारी के दूसरे लहर की आशंका जाहिर करते हुए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है। उपायुक्तों को पहले से ही तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
मरीजों के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर अस्पतालों में बेड, दवा, पीपीई किट, ऑक्सीजन से लेकर आइसीसीयू बेड का मुकम्मल इंतजाम करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी अलग से निर्देश जारी किया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने दो लोगों के बीच छह फीट की दूरी, मास्क, पटाखा नहीं चलाने, स्टॉल नहीं लगाने, किसी तरह के गीत-संगीत का कार्यक्रम नहीं करने का निर्देश दिया है। सबसे मुश्किल छह फीट की दूरी है। छठ करने वाली महिलाओं के हाथ में सूप होता है उसके सहयोग के लिए लोग खड़े रहते हैं, अर्घ्य भी सूप से छूते हुए गिराते हैं। सूर्यास्त और सूर्योदय के समय एकसाथ भीड़ जुटती है। ऐसे में दूसरे निर्देशों का पालन कर भी लें पर छह फीट की दूरी का मामला व्यावहारिक तौर पर कठिन है। यही सरकार की चिंता का कारण है।