मछली पालन को छत्तीसगढ़ में खेती का दर्जा देने की होगी पहलः भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार मछली पालन को खेती का दर्जा देने की पहल करेगी। इसके लिए योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर आयोजित छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी की तरह मछली पालन के लिए कोऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट की भांति मछली पालन करने वाले निषाद, केंवट और ढीमर समाज के लोगों को भी छूट की पहल की जाएगी।
उन्होंने इस अवसर पर 15 मछुआरों को मोटरसाईकिल सह आईस बॉक्स तथा दो मछुआरों को ऑटो सह आईस बॉक्स का वितरण किया।उन्होंने इस मौके पर 10 मछुआ हितग्राहियों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत प्रथम किश्त की 40-40 हजार रूपए की प्रथम किश्त अनुदान राशि का चेक भी वितरित किया।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से समाज के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आना चाहिए। मछुआरा समाज को विभिन्न योजनाओं में अनुदान सहायता दी जा रही है, लेकिन इससे उनकी आर्थिक स्थिति में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं आ पाया है। इसके लिए यह जरूरी है कि निषाद, केंवट समाज वैज्ञानिक पद्धति से मछली पालन करे और उत्पादित मछली के विक्रय का अच्छा प्रबंधन करे तो न सिर्फ मछुआरों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, साथ ही छत्तीसगढ़ धान उत्पादन की भांति मछली उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर होगा। राज्य सरकार इन क्षेत्रों में भी समाज के लोगों को हरसंभव मदद देगी।
बघेल ने कहा कि समाज को बच्चों की अच्छी शिक्षा की व्यवस्था की ओर ध्यान देना चाहिए। साथ ही यह ध्यान भी रखना चाहिए कि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हों। बच्चे जब शिक्षित और मजबूत होंगे, तो अपने अधिकारों को स्वयं हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि आर्थिक रूप से हर वर्ग मजबूत हो सके। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।