राजस्थान में अनाज के बदले ‘गरीबी का ठप्पा'
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सरकार के इस कदम की काफी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘गरीबी का मजाक’ करार दे रहे हैं।
क्या है मामला?
राजस्थान सरकार ने बीपीएल परिवारों के घरों के बाहर दीवार पर लिखवा दिया, “मैं गरीब परिवार से हूं और एनएफएसए से राशन लेता हूं।”
गौरतलब है कि दौसा जिले में लगभग 2 लाख 40 हजार से अधिक परिवार रहते हैं। इसमें 52,164 परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। कहा जा रहा है कि दौसा जिले की 70 फीसदी आबादी के घरों के बाहर राजस्थान सरकार ने गरीबी का चिह्न लगा दिया गया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने बताया, ‘गरीबी का मजाक’
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने इस मसले पर ट्वीट किया, “अब ऐसे में क्या कहा जाए? गरीबी का ऐसा भद्दा मज़ाक या यूं कहा जाए अपमान - क्या किसी भी सरकार को शोभा देता है?”
अब ऐसे में क्या कहा जाए? गरीबी का ऐसा भद्दा मज़ाक या यूं कहा जाए अपमान - क्या किसी भी सरकार को शोभा देता है? https://t.co/B2vZEZqgsk
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) 20 June 2017
वहीं ट्विटर यूजर विशाल शुक्ला ने इसे मानसिक गरीबी की धकेलने की सरकारी मानसिकता करार दिया। वे लिखते हैं, “आमजन को मानसिक गरीबी की ओर धकेलती जड़ सरकारी मानसिकता।”
आमजन को मानसिक गरीबी की ओर धकेलती जड़ सरकारी मानसिकता #Rajasthan #BPLfamilies#NFSA pic.twitter.com/C5jCxPh6g6
— vishal shukla (@2_shukla) 23 June 2017
छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया, “राजस्थान सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह है गरीबों के घर के बाहर 'मैं गरीब हूं' लिखवाना.. इसकी मैं कड़ी निंदा करती हूं।”
क्या कहते हैं पक्ष-विपक्ष?
एक तरफ जहां राजस्थान सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि इसे पात्र-अपात्र लोगों की आसानी से पहचान के उद्देश्य से लिखवाया गया है। वहीं जयपुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा है कि बीपीएल परिवारों के घरों के बाहर ‘मैं गरीब हूं’ लिखने के सरकारी आदेश को कांग्रेस किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देगी।
इधर सूबे के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि बीपीएल परिवारों के घर पर बीपीएल लिखने की यह प्रक्रिया पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की सरकार ने 6 अगस्त, 2009 के आदेश से शुरू की थी और आज इस मामले को लेकर वे ही राजनीति कर रहे हैं।