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02 March 2020

कश्मीर में वीपीएन सेवा सरकार ने पूरी तरह से की बंद, इंटरनेट बैन के बाद भी हो रहा था इस्तेमाल

file photo

कश्मीर में जनवरी से मोबाइल फोन पर कम स्पीड इंटरनेट बहाल होने के बाद इंटरनेट वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि वीपीएन एप्लिकेशन की मांग घाटी में ज्यादा थी। लोग सोशल मीडिया साइटों का इस्तेमाल करने के लिए इसका उपयोग कर रहे थे। अब कोई भी वीपीएन एप्लिकेशन किसी भी फोन में नहीं काम कर सकेगा।

राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा हो रहा था इस्तेमाल

इससे पहले सरकार ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट को 4 मार्च तक प्रतिबंध कर दिया था। राज्य प्रशासन के मुताबिक वीपीएन का इस्तेमाल सीमा पार से राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा किया जा रहा था जिसकी वजह से इंटरनेट पर प्रतिबंध से कोई खासा असर नहीं पड़ता था। वहीं, आतंकी वारदातों की योजना बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में जनवरी में सरकार ने 301 श्वेत-सूचीबद्ध वेबसाइटों की सूची जारी की थी जिसे अभी शिनाख्त किया जा रहा है।

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बॉन्ड पर कराए जा रहें हस्ताक्षर

लगभग छह महीनों के बाद कश्मीर में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली की गई थी। नेट की स्पीड को इतना कम कर दिया गया कि एक मेल को रिफ्रेश होने में काफी समय लगता है। घाटी के एक पत्रकार के मुताबिक, "पहले गति धीमी थी, लेकिन अब पिछले दो दिनों से इसे और भी नीचे कर दिया गया है जिसकी वजह से तस्वीरें अपलोड नहीं कर पा रहा हैं। वहीं, ब्रॉडबैंड बहाली कराने वाले व्यवसायी से सोशल मीडिया तक पहुंचने के लिए आईपी पते की अनुमति नहीं देने के लिए बांड पर हस्ताक्षर कराया जा रहा हैं। इन नियमों के उल्लंघन पर व्यापार इकाइयाँ या कंपनी इंटरनेट को जिम्मेदार माना जाएगा।

विशेष राज्य का दर्जा समाप्त

केंद्र सरकार ने बीते साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख, दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाटी में पिछले करीब 6 महीनों से इंटरनेट सेवा बंद पड़ा है। हालांकि, 2जी सेवा बहाल की गई लेकिन स्पीड कम होने की वजह से वो किसी काम का नहीं है।

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TAGS: Internet, VPN, blocked in Kashmir, Article 370
OUTLOOK 02 March, 2020
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