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28 April 2018

इशरत जहां मुठभेड़ः सीबीआई ने किया वंजारा और अमीन की आरोप मुक्ति याचिका का विरोध

file photo

सीबीआई ने 2004 के इशरत जहां मुठभेड़ केस में आरोपी पूर्व डीआइजी डीजी वंजारा और पूर्व एसपी एनके अमीन की आरोप मुक्ति याचिका (डिस्चार्ज प्ली) का विरोध किया है। अहमदाबाद में जांच एजेंसी ने सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश जवाब में कहा है कि उसके पास दोनों पर आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार सीबीआइ के जवाब को रिकॉर्ड पर रखने के बाद जज जेके पांड्या ने मामले की सुनवाई शुक्रवार को पांच मई तक स्थगित कर दी। वंजारा ने इस केस से खुद को मुक्त करने के लिए याचिका दायर की है। इसमें वंजारा ने कहा है कि सीबीआइ द्वारा दायर आरोपपत्र मनगढ़ंत है और उनके खिलाफ कोई अभियोजन योग्य सामग्री नहीं है। अहमदाबाद के पूर्व डीआइजी (क्राइम ब्रांच) ने गुजरात के पूर्व प्रभारी डीजीपी पीपी पांडेय की तरह ही राहत देने के मांग की है। पांडेय को हाल ही में इस केस में आरोप मुक्त कर दिया गया है।

वंजारा ने कहा है कि आरोपपत्र में कहा गया है कि साजिश उनके कक्ष में रची पर प्रथम दृष्टया इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।

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जब यह कथित फर्जी मुठभेड़ की घटना हुई थी तब एनके अमीन वंजारा के अधीन काम करते थे। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआइ ने गवाह बनाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।  

मुंबई के निकट मुंब्रा की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरतजहां, उसके  मित्र जावेद शेख उर्फ प्रणयेश पिल्लई, अमजद अली राणा और जीशान जौहर को गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था।

पुलिस ने दावा किया था कि ये चारो पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी थे जबकि पुलिस ने बाद में इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया था। सीबीआइ ने अपने आरोपपत्र पांडेय, वंजारा और अमीन सहित सात पुलिसकर्मियों का नाम लिया था। बाद में पांडेय को आरोपमुक्त कर दिया गया जबकि अन्य जमानत पर हैं।

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TAGS: Ishrat Jahan, Vanzara, Amin, fake, encounter, cbi
OUTLOOK 28 April, 2018
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