जम्मू-कश्मीर में 2022 तक विस्थापित कश्मीरी पंडिंतों को बसाने, 25 हजार नौकरियां और रेल से जोडने की है योजनाः अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार ने 2022 तक घाटी के सभी विस्थापित कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने का फैसला किया है, साथ ही वहां के लोगों के लिए 25,000 नौकरियां सृजित होंगी और इस क्षेत्र को कनेक्टिविटी दी है। कश्मीर घाटी को अगले दो सालों के भीतर रेल से जोड़ दिया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार उन 44,000 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को प्रति माह 13,000 रुपये प्रदान करती है जिनके पास राहत कार्ड हैं। सरकार भी मुफ्त राशन प्रदान करती है और 2022 तक उन्हें घाटी में अपने घरों में वापस बसाने की योजना है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की कोई जमीन नहीं जाएगी। विकास कार्यों के लिए सरकार के पास पर्याप्त जमीन है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 का समर्थन करने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि संविधान में यह अस्थायी व्यवस्था थी, लेकिन कांग्रेस और दूसरे दलों ने इसे 70 साल तक जारी रखा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा अनुच्छेद 370 हटाते समय सरकार के किए वादे की याद दिलाने पर शाह ने कहा, 'मैं इसका जवाब जरूर दूंगा, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं। आपने 70 साल तक क्या किया? उसका हिसाब लेकर आए हो क्या?'
शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला था, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें। कि वे हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं। गृह मंत्री ने कहा, 'मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि वो जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें जिससे जनता गुमराह हो।'