जम्मू-कश्मीरः दहशतगर्दों ने 2 आतंकी घटनाओं को दिया अंजाम; श्रीनगर में सिपाही को गोली मारी, सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंका
आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। जम्मू कश्मीर में मंगलवार को दो आतंकी घटनाओं को दहशथगर्दों ने अंजाम दिया। पहली घटना में राजधानी श्रीनगर में हुई। यहां पुलिस के एक कॉन्स्टेबल पर आतंकियों ने फायरिंग कर दी जिसमें वह शहीद हो गए जबकि उनकी 7 साल की बच्ची घायल हो गई। दूसरी घटना कुलगाम में हुई। जिले के यारीपोरा इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंककर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें 15 आम नागरिक घायल हो गए।
श्रीनगर के बाहरी इलाके सौरा में आतंकवादियों ने उनके घर के बाहर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसकी सात वर्षीय बेटी घायल हो गई। पुलिस के मुताबिक, आतंकियों ने कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी पर सौरा इलाके में स्थित उनके घर में गोलीबारी की।
पुलिस ने बताया कि इस महीने कश्मीर में मारे जाने वाले तीसरे पुलिसकर्मी कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी अपनी बेटी को ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर से निकल रहे थे, तभी हमला हुआ। एक अधिकारी ने कहा, "आतंकवादियों ने श्रीनगर जिले के अंचार इलाके के गनी मोहल्ला में कांस्टेबल कादरी के घर के बाहर उनके घर के बाहर गोलीबारी की।"
अधिकारी ने कहा, "कादरी और उनकी बेटी को पास के एसकेआईएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।" बच्ची के दाहिने हाथ में गोली लगी है और वह खतरे से बाहर है।
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने हत्या पर दुख व्यक्त किया और कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमों को आसपास के इलाकों में भेजा गया है। "हम जल्द ही उन्हें प्राप्त करेंगे।"
7 मई को, आतंकवादियों ने अंचर इलाके के पास ऐवा पुल पर एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि 13 मई को पुलवामा जिले में एक अन्य पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में आतंकवादियों ने स्थानीय सैनिकों, पुलिसकर्मियों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं। यही नहीं दूसरे राज्यों से आए प्रवासी लोगों पर भी हमले बढ़े हैं। माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑल आउट से बौखलाहट के चलते आतंकी ऐसे हमलों को अंजाम दे रहे हैं ताकि खौफ पैदा किया जा सके। कश्मीरी पंडितों की वापसी के प्रयास, पंचायत चुनावों में लोगों की सहभागिता जैसे कदमों से भी आतंकवादी बौखलाहट में हैं।