जम्मू-कश्मीर: हिमस्खलन में लापता दो जवानों का शव बरामद, तीसरे की तलाश जारी
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के बटालिक सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आने से चौकी के पांच जवान फंस गए थे और चौकी पूरी तरह से बर्फ के नीचे दब गई थी। 5 जवानों में से 2 को उसी दौरान बचा लिया गया था, जबकि बाकी तीन की तलाश थी।
जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इस बीच पुलिस ने तूफान की आशंका के चलते घाटी के सभी जिलों में 24 घंटे आपातकाल हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। खराब मौसम के मद्देनजर पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। पिछले तीन दिनों से यहां बिना मौसम के बर्फबारी और लगातार बारिश जारी है।
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और हिस्खलन के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से आज बात की और घाटी में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
भारी बारिश और हिमपात के मद्देनजर प्रशासन ने गुरुवार को घाटी के सभी स्कूलों को सोमवार तक बंद करने के आदेश दिए हैं। घाटी में गुरुवार रात से बारिश बंद होने के बाद झेलम और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर घटना शुरू हो गया। अधिकारियों ने बताया कि नदियों का जलस्तर कम होने से बाढ़ का खतरा कम हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के संगम में झेलम का जलस्तर रात करीब तीन बजे से कम होना शुरू हो गया। हालांकि श्रीनगर के राम मुंशी बाग के जलस्तर में अभी भी मामूली बढ़ोतरी जारी है, लेकिन कुछेक घंटों में इसके कम होने के आसार है।
अधिकारियों ने बताया कि रात करीब दो बजे संगम का जलस्तर सर्वाधिक 22.10 फुट पर था, लेकिन सुबह सात बजे तक यह घटकर 21.70 फुट पर आ गया।
वैशव, रामबायरा और लिद्दर जैसी सहायक जलधाराओं में पिछले छह घंटे के दौरान उल्लेखनीय कमी आई है। श्रीनगर के राम मुंशी बाग में भुोलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच गया था। जिसके बाद अधिकारियों ने आपातकाल नियंत्राण कक्ष स्थापित किए थे। अभी तक पुंछ जिले में बाढ़ में फंसे 17 लोगों को बचाया गया है, जबकि राजौरी में बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई है।