घाटी को हिंसा से बाहर लाने के लिए महबूबा ने जनता से मांगा सहयोग
महबूबा ने कहा, 27 साल से जारी हिंसा ने यहां के लगभग हर परिवार को गहरे जख्म दिए हैं। और अधिक खून खराबे तथा तबाही को रोकने, अपने राज्य तथा यहां के लोगों को सुरक्षित करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा, मेरी सरकार की तात्कालिक प्राथमिकता पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाना है। लेकिन घाटी में शांति और स्थिरता लाने के लिए दीर्घकालिक कदम के तौर पर हमें संयुक्त प्रयास करने होंगे। सरकार की कल्याणकारी पहलों का केंद्र युवा हैं।
मुख्यमंत्री ने शहर के कंेद्र ख्वाजा बाजार में स्थित शहीदों के कब्रिस्तान पर 1931 के शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए यह कही। उन्होंने कहा कि घाटी में राजनीतिक रूप से उन्मुक्तता, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता और सामाजिक रूप से सुरक्षा के सपने को पूरा करने के लिए उन्हें जनता के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई, 1991 को जम्मू-कश्मीर के इतिहास में निर्णायक माना जाता है क्योंकि यही वह समय था जब यहां लोकतंत्रा की स्थापना हुई थी। मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिामंडल सहयोगी, विधायक, पार्टी कार्यकर्ता और पुलिस तथा प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद