राजस्थान में पायलट ने "जन संघर्ष यात्रा" में उठाई बदलाव की आवाज़
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक सदस्य की गिरफ्तारी के बाद आयोग के पूरे ढांचे में "बदलाव" का आह्वान किया। सचिन पायलट अजमेर जनपद के किशनगढ़ में "जन संघर्ष यात्रा" के द्वितीय दिवस पर अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, जो भारी संख्या में उक्त स्थल पर मौजूद थे।
इस दौरान सचिन पायलट ने कहा, "हाल में राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक सदस्य की गिरफ्तारी हुई। यह इतिहास में पहली बार हुआ कि आयोग का कोई सदस्य पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुआ। अब आवश्यक है कि पूरे ढांचे में बदलाव किया जाए। मेरा संघर्ष जनता के लिए है और मैंने कहा था कि मैं अजमेर में स्थित आयोग के कार्यालय से जयपुर पैदल चलूंगा और जनता के बीच रहूंगा, उनका आशीर्वाद लूंगा।"
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 2022 शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में से एक, आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक करने के लिए 60 लाख रुपए लिए थे। पायलट ने गुरुवार को राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को चुनौती देते हुए अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर का पैदल मार्च शुरू किया।
किशनगढ़ में पायलट के समर्थकों की भारी संख्या ने उनका जोरदार स्वागत किया और अनवर पुष्प वर्षा तक की। इसमें कोई दोराय नहीं कि यह पांच दिवसीय यात्रा पार्टी के नेतृत्व पर दबाव डालने का काम करेगी। बता दें कि भ्रष्टाचार के अतिरिक्त यह यात्रा सरकारी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के मामले पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर में स्थित है। यह वही क्षेत्र है, जहां से चुनाव जीतकर पायलट पूर्व में लोकसभा तक का रास्ता तय कर चुके हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया जा सकता है। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा 2020 के विद्रोह में शामिल विधायकों पर भाजपा से पैसे लेने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद यह मार्च शुरू हुआ है।
सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने तब राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। 2018 में पार्टी की सरकार बनने के बाद से राजस्थान में कांग्रेस के दो मजबूत नेता मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में भिड़े हुए हैं।