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24 November 2019

हरियाणा में फिर गरमा सकता है जाट आरक्षण का मुद्दा, दिसंबर में बनेगी आंदोलन की रणनीति

हरियाणा में भाजपा और जजपा की गठबंधन सरकार बनने के बाद जाट आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा सकता है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने की काफी समय से लंबित स्वीकार नहीं की गई तो दिसंबर के आखिरी सप्ताह में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जाट आरक्षण आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

सरकार ने वादाखिलाफी कीः यशपाल मलिक

दीनबन्धु चौ. छोटूराम की 139वीं जयन्ती और छोटूराम धाम की स्थापना की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में मलिक ने यह जानकारी दी। समारोह में बड़ी संख्या में कई राज्यों से उनके अनुयायी, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, अधिकारी, व्यापारी और विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं ने हिस्सा लिया। मलिक ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 2016 और 2017 के दौरान हुए आन्दोलनों और हरियाणा ‍एवं केंद्र सरकार के साथ हुए समझौतों से कुछ मांगें पूरी हुईं। सरकार ने शहीदों को मुआवजा, शहीदों के आश्रितों को पक्की नौकरी और आंदोलन के घायलों को मुआवजा देने की मांगें मान लीं लेकिन हरियाणा के जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण और आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापस लेने की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।

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कई नेताओं पर माहौल बिगाड़ने का आरोप

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के चलते सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया।। जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भी चुनाव के कारण इस मुद्दे पर इंतजार किया। लेकिन अब नई सरकार का गठन हो चुका है। हरियाणा की जनता ने उन जाट एवं गैर जाट विधायकों तथा नेताओं को नकार दिया है जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा के चलते हरियाणा का भाईचारा खराब कर रहे थे।

अलग आरक्षण देने की मांग

हरियाणा सरकार ने जाट समाज को बी.सी. (सी) में आरक्षण देने के बिल को वापस ले लिया है जबकि इसे अप्रैल 2016 में हरियाणा विधानसभा में पारित किया गया था। हरियाणा की जाट समेत छह जातियों को अब 10 प्रतिशत आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलेगा। मलिक ने मांग उठाई है कि हरियाणा सरकार जाट समेत छह जातियों को हरियाणा के ओबीसी की बी.सी. (बी) श्रेणी में शामिल करने का बिल विधानसभा में पारित करे, जिसे न्यायालय में चुनौती न दी दी जा सके। मलिक ने मांग की कि धरनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के मृतक आश्रितों को भी सरकार के आश्वासन के अनुसार नौकरी दी जाए। उन्होंने बताया कि आगामी दिसम्बर में समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन कर जाट समाज के साथ केन्द्र और राज्य सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में देशव्यापी शांतिपूर्ण आन्दोलन की रूपरेखा और रणनीति तैयार की जायेगी। 

केस वापस लेने की मांग

आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा प्रभारी अशोक बल्हारा ने कहा कि जाट समाज के कुछ दिग्भ्रमित लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष और समिति के पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर सरकार और नेताओं के इशारे पर लम्बे समय से आन्दोलन को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं, उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। हरियाणा की भाजपा सरकार में बैठे कुछ नेता और उनके कार्यकर्ताओं को इन हरकतों से बाज आना चाहिए। हरियाणा प्रदेष अध्यक्ष महेन्द्र पूनिया ने बताया कि अभी भी कुछ साथी कैप्टन अभिमन्यु के केसों में पिछले तीन साल से जेलों में बन्द हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को समर्थन दे रहे दलों और निर्दलीय सदस्यों और विपक्षी दलों के विधायकों को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा। ताकि वे जाट आंदोलन को समर्थन दें और इस मुद्दे को उठाएं। समारोह में बताया गया कि जाट समाज की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए जाट सेवा संघ का गठन किया गया। जाट सेवा संघ की पहली परियोजना जसिया में 25 एकड़ जमीन पर  “छोटूराम धाम” का निर्माण किया जा रहा है।

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TAGS: Jat Reservation, Haryana, reservation, caste politics
OUTLOOK 24 November, 2019
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