सोनिया के बुलावे पर दिल्ली नहीं आएंगे नीतीश, किस ऊहापोह में हैं बिहार के सीएम?
राष्ट्रपति चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार तय करने के सिलसिले में कल यानी 26 मई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। जिसमें जनता दल (यू) के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि उनकी जगह जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शरद यादव बैठक में भाग लेंगे। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हो रही विपक्ष की बैठक से स्वयं को दूर रख कर नीतीश कुमार आखिर किसको और क्या संदेश देना चाह रहे हैं। विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के चयन को लेकर हो रही इस निर्णायक बैठक से दूरी बनाने के कुछ तो मायने हैं।
लालू से दूरी
उधर इस बैठक में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शामिल हो रहे हैं। कहीं नीतीश कुमार राजद अध्यक्ष से दूरी बनाने के चलते तो बैठक से किनारा नहीं कर रहे हैं। पिछले दिनों ही बीजेपी पर हमला करते हुए एक ट्विटर वार में लालू प्रसाद ने भाजपा को नये पार्टनर की शुभकामनाएं तक दे डाली थी। हालांकि बाद में लालू ने स्पष्टीकरण देकर मामले को शांत करने का प्रयास किया था। लेकिन लालू नीतीश का मन मुटाव साफ देखा जा सकता है।
भाजपा को संदेश
कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार की बैठक से दूरी बनाकर भाजपा को तो कोई संदेश नहीं देना चाह रहे हैं? यह अपने आप में बड़ा सवाला है, जिसका उत्तर आने वाला वक्त ही देगा।
इसका राजनीतिक मतलब न निकालें: त्यागी
जनता दल यू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सोनिया गांधी के बुलावे पर नीतीश कुमार व्यस्त कार्यक्रम के कारण दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं. विपक्षी दलों की बैठक में शरद यादव जेडीयू का प्रतिनिधित्व करेंगे।
केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के दिल्ली नहीं जाने का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर बीजेपी विरोधी तमाम दल एकजुट हैं। कही भी कोई मतभेद नहीं है।