झारखंड: घाटों पर इस बार छठ पूजा की अनुमति नहीं, कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने लगाई रोक
झारखंड में नदी, तालाबों, झील और डैम किनारे छठ पूजा नहीं कर सकेंगे। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने यह रोक लगाई है। रविवार देर रात इस सम्बन्ध में विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। हालांकि पड़ोसी राज्य बिहार में तालाबों के किनारे छठ की अनुमति दी गई है। यह बात अलग है कि झारखंड में बिहार की तुलना में संक्रमण की दर धीमी है।
झारखंड में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं और छठ पूजा में अपने गांव, घर जाते हैं। उसी तरह बाहर रहने वाले अनेक लोग झारखंड में अपने गांव , घर। आते हैं। चार दिनों तक चलने वाले पूजन महोत्सव की प्रक्रिया में जुटान पहले ही शुरू हो जाती है। धुर्वा के रहने वाले शक्ति सिंह कहते हैं कि उनकी बहनें रांची आ गई हैं। पूजा डैम किनारे होता था। अब रोक के कारण घर में ही होगा। शक्ति की तरह अनेक लोग हैं जिनके परिजन आए हैं मगर घर में ही कुंड बनाकर छठ पूजा करेंगे। नदी तालाबों में गंदगी और भीड़ के कारण बहुत से परिवार हाल के वर्षों में घर में ही कुंड हौज बनाकर छठ पूजा करते हैं। 18 नवम्बर को नहाय खाय के साथ पूजा शुरू होगी 19 को खरना, 20 को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 21 को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
राज्य सरकार का कहना है कि घाटों पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कठिन होगा । अभी के दौर में यह जरूरी है। इसलिए रोक लगाई गई है। हालांकि छठ में कम समय को देखते घाटों की साफ सफाई का काम जोरों पर था। सरकार ने नदी, डैम, तालाबों आदि के किनारे छठ के मद्देनजर किसी प्रकार का स्टाल, गीत संगीत के कार्यक्रम, आतिशबाजी पर पूरी तरह रोक लगा दी है।