झारखंड: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत इन 9 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज, जानें क्या है मामला
सोशल मीडिया में अपनी टिप्पणी से चर्चा में रहने वाले और झारखंड की राजनीति को गरमाये रहने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा देवघर एयरपोर्ट से जबरिया विमान उड़ाने की अनुमति को लेकर है। इस मामले में निशिकांत दुबे, उनके दोनों पुत्र कनिष्क कांत दुबे और माहिकांत दुबे, उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, चर्चा में रहने वाले भाजपा के वरिठ नेता कपिल मिश्र एयरपोर्ट के निदेशक संदीप ढींगरा, चार्टर्ड प्लेन के पायलट सहित नौ लोगों के खिलाफ देवघर पुलिस ने कुंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इन लोगों के खिलाफ एयरपोर्ट डीएसपी सुमन कुमार ने शाम हो जाने के बावजूद 31 अगस्त को एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) के कर्मियों पर दबाव बनाकर नियम के खिलाफ विमान उड़ाने के लिए क्लियरेंस लेने, वायुयान सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
डीएसपी का कहना है कि देवघर में रात्रि में टेकऑफ और लैंडिंग की सुविधा नहीं है। एक अगस्त को जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों में से कुछ लोगों को एटीसी भवन में देखा गया। इसमें एयरपोर्ट के निदेशक की लापरवाही दिखती है। दरअसल ये भाजपा नेता दुकमा में सिरफिरे आशि द्वारा पेट्रोल फेंककर जला दी गई किशोरी के परिजनों से मिलने और सहायता राशि देने के सिलसिले में आये हुए थे।
देवघर के डीसी और निशिकांत दुबे के बीच लंबे समय से छत्तीस का रिश्ता रहा है। दुबे आरोप लगाते रहे हैं कि डीसी मंजूनाथ भैजंत्री झामुमो के एजेंट के रूप में काम करते हैं और नाहक उन्हें परेशान करने की कोशिश करते रहते हैं। दोनों का विवाद सुर्खियों में रहता है। निशिकांत दुबे व अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में डीसी कार्यालय की ओर से राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग को भी अवगत कराया गया है। वहीं खुद सहित नौ लोगों के खिलाफ दर्ज मामले से विचलित निशिकांत दुबे ने देवघर डीसी मंजूनाथ भैजंती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए देवघर एसपी को मेल भेजकर आवेदन किया। मामला दर्ज नहीं होने पर दुबे ने दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू थाने में देवघर डीसी के खिलाफ (आईपीसी की धारा 124 बी, 353, 120 बी, 441, 448, 201, 506 और ऑफिसियल सेक्रेट एक्ट की धारा 2/2 के तहत) प्राथमिकी दर्ज कराई। ट्वीटर पर इसकी जानकारी भी साझा की।
दुबे ने देवघर डीसी पर जान से मारने के लिए झारखंड पुलिस को उकसाने, काम में बाधा डालने, एयरपोर्ट के निदेशक को धौंस दिखााने, फौजदारी ट्रेस पास, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने आदि का आरोप लगाते हुए डीसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आग्रह किया है। निशिकांत दुबे की दलील है कि वे देवघर एयरपोर्ट की सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं, उनके साथ मौजूद सांसद मनोज तिवारी नागरिक विमानन विभाग की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। सुरक्षा जांच के बाद वे 5.25 में विमान के अंदर पहुंचे थे। नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं रहने के कारण हाल के दिनों में विमानों की आवा जाती प्रभावित हो रही है। इसी सिलसिले में उनसे विमर्श के लिए उनसे बात कर उनके कार्यालय जाने का निर्णय लिया। मगर पुलिस वालों ने डीसी के कहने पर जाने से रोका। बाद में स्पष्ट हुआ कि एयरपोर्ट के सुरक्षा में जाने की अनुमति सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय देता है, जहां वे गये थे। डीसी भी गये थे। दुबे ने अपने आवेदन में लिखा कि देवघर डीसी बिना इजाजद देवघर एरपोर्ट के सुरक्षा क्षेत्र में और डीआरडीओ के प्रतिबंधित क्षेत्र में कैसे प्रवेश किये।
ट्वीटर पर खुला मोर्चा
इस प्रकरण के बाद ट्वीटर पर निशिकांत दुबे और देवघर डीसी में मोर्चा खुल गया है। बिना नाम लिये देवघर डीसी ने कई ट्वीट किये। लिखा ...यह स्पष्ट है कि एयरपोर्ट के संचालन के लिए सुरक्षा मानकों का उल्लंघर करते हुए यात्रियों द्वारा एटीसी में प्रवेश किया गया। नाइट ऑपरेशन की सुविधा न रहने के बावजूद यात्रियों के सुरक्षा को नजरअंदात करते हुए क्लीयरेंस के लिए दबाव बनाया गया। एटीसी के कर्मियों द्वारा मोबाइल फोन पर क्लीयरेंस के लिए बात हो रही थी। तत्पश्चात इन्हें एटीसी का क्लीयरेंस मिल गया। इसके थोड़ी देर बाद पायलट एवं यात्री पुन: चार्टर्ड प्लेन के अंदर गये और प्लेन टेकऑफ कर गई। देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों के उल्लंघन एवं एटीसी बिल्डिंग के अंदर बिना किसी अनुमति के यात्रियों के प्रवेश को लेकर उपायुक्त कार्यालय को पत्र मिला है। सीसीटीवी में पाया गया कि एटीसी बिल्डिंग में 31 अगस्त को घटना के समय यात्रियों के अतिरिक्त कई अन्य व्यक्ति भी एटीसी बिल्डिंग में सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन करते हुए प्रवेश किये। उपरोक्त तथ्यों के साथ डीसी कार्यालय को प्रतिलिपि प्राप्त हुआ है जिसे राज्य सरकार के उड्डयन विभाग को सूचित करते हुए अग्रेतर कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया गया है।
वहीं निशिकांत दुबे ने भी डीसी देवघर के खिलाफ कई ट्वीट कर बताया कि वे लगतार पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर काम करते रहे हैं। आज ही ट्वीट किया है ... चुनाव आयोग ने अपने 6 सितम्बर 2021 के आदेश यानी मेरे ऊपर 8 झूठे केस करने वाले देवघर डीसी को हटाने का आदेश आज से पांच दिन पहले मुख्य सचिव को दिया है। वैसे यह मेरे ऊपर 37 वां केस है, हेमन्त सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी है। यह भी कहा कि देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा मामले में आरोप सही हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा।