झारखंड स्थापना दिवस: भगवान भरोसे नहीं रहेगा झारखंड, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर हेमन्त सोरेन का फोकस
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड भगवान भरोसे नहीं रहेगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस करते हुए कहा कि गरीबी और अशिक्षा अभिशाप है। इस पर पूर्व की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। जनता का आशीर्वाद रहा तो यह राज्य भगवान भरोसे नहीं रहेगा। अपनी ताकत के भरोसे खड़ा होगा और अपनी पहचान बनायेगा। गरीबी और अशिक्षा जैसे अभिशाप को दूर करने का हमने संकल्प लिया है। बैंक भी गरीबों पर ध्यान नहीं देता। कर्ज नहीं देता क्योंकि यहां सीएनटी-एसपीटी कानून है। छोटे किसान मजदूर दस हजार का कर्ज अदा नहीं कर पाते तो उसे नोटिस पकड़ाया जाता है और बड़े पूंजीपति करोड़ों करोड़ लेकर विदेश भाग जाते हैं। युवा बेरोजगार रोजगार के लिए कर्ज की खातिर आवेदन दें, पढ़ाई के लिए भी कर्ज की खातिर आवेदन दें। सरकार आपके साथ है। इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है, कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है।
हेमन्त सोरेन राज्य के गठन के 22 साल पूरे होने के मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान में राज्य स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इसके मुख्य अतिथि के लिए पहले राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया था, अंतिम समय में उनका कार्यक्रम बदला तो हेमन्त सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस से आग्रह किया मगर उन्होंने भी इनकार कर दिया।
बड़ी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना, रोजगार सृजन योजना, जल समृदि्ध योजना, पशुधन योजना आदि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत देने की कोशिश की है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किये बिना राज्य आगे नहीं बढ़ सकेगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद दुनिया भर में कोरोना का संकट आया। धैर्य से उससे निपटने में लगे रहे। अब विकास की गति बढ़ रही थी कि 250 प्रखंडों में सूखा की स्थिति पैदा हो गई। हम ऐसी योजना पर चिंतन कर रहे हैं कि आने वाले पांच साल में किसानों को पानी का संकट न हो। हर खेत तक पानी पहुंचे। तत्काल सूखा वाले इलाकों में प्रभावित किसानों को अभियान चलाकर 3500 रुपये प्रति हेक्टेयर देने जा रहे हैं। गांवों के विकास और वहां की समस्या दूर करने के लिए समेकित प्रयास हो रहे हैं। अधिकारी गांव-गांव जाकर शिविर लगाकर लेगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। बीते 20 सालों में ऐसा नहीं हुआ था। यह पहला अवसर है जब अधिकारी उन गांवों में लोगों तक ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल से पहुंच रहे हैं जहां जाने का ठीक से रास्ता भी नहीं है। दरबाजे पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। शिविरों में ग्रामीणों के 54 लाख आवेदन आये जिनमें 35 लाख आवेदनों का शिविर में ही निपटारा कर दिया गया। इससे जनता, नौजवान, कर्मचारी, पिछड़ा, मजदूर, किसान सब खुश हैं। पिछले साल भी आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर लगाकर लाखों लोगों की समस्याओं का निपटारा किया गया था। समारोह में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित यूपीए के मंत्री, विधायक और बड़ी संख्या में नेता, समर्थक शामिल हुए।
इस मौके पर गुरूजी क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री सारथी योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना, एकलव्य प्रशिक्षण योजना जैसी योजनाओं का शुभारंभ किया गया। सहायक अभियंताओं, नर्सों, नगर विकास के लेखा पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। मुख्यमंत्री ने झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, इंडस्ट्रियल पार्क लॉजिस्टिक पॉलिसी, इथेनॉल पॉलिसी का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना का पोर्टल भी लॉच किया गया। सूबे की 5433 करोड़ की करीब डेढ़ सौ विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और 1876 करोड़ की 222 योजनाओं का उद्घाटन किया।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि बेटियों की शिक्षा के लिए सावित्री बाई फुले योजना चलई जा रही है। 18 साल की होने पर उसे आर्थिक मदद मिलेगी। उसके बाद भी प़ाई जारी रखना है। आगे की पढ़ाई के लिए भी सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। यह देश का पहला राज्य है जहां के आदिवासी, दलित, पिछड़े बच्चे सरकारी मदद से विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूलों को स्मार्ट बना रहे हैं ताकि प्राइवेट स्कूलों का मुकाबला कर सकें। इसके लिए शिक्षकों के बेहतर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
मौके पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद झारखंड तरक्की की नई राह पर है। तीन सालों में विकट राजनीतिक परिस्थितियां खड़ी की जाती रहीं। सरकार को लगातार अस्थिर करने की कोशिश होती रही। लेकिन चुनौतियों का सामना करते हुए यूपीए की सरकार लोक कल्याण के काम में जुटी हुई है। रोजगार, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहे हैं। स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर हेमन्त सरकार को बधाई दी। कहा ऐसे प्रयासों से नया चैप्टर प्रारंभ होने जा रहा है।
सूखा से निपटने के लिए और उपाय किये जाने पर उन्होंने जोर दिया। मौके पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता आदि ने सरकार के काम-काज और उपलब्धियों की चर्चा की। कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से तस्वीर बदलने वाली है। गरीब परिवार का बच्चा चार प्रतिशत बयाज पर 15 लाख रुपये तक कर्ज ले सकेगा। सरकार गारंटर रहेगी। पढ़ाई पूरी होने के एक साल बाद कर्ज वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी। एकलव्य प्रशिक्षण योजना से छात्रों में कौशल विकास की टेनिंग दी जायेगी। प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा मिलेगी।