झारखंडः चाचा-चाची सहित परिवार के तीन सदस्यों को मार डाला और थाने में कर दिया सरेंडर, यह थी वजह
रांची। जादू-टोना, डायन बिसाही के अंधविश्वास में गुमला में हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार की रात गुमला के मुख्यालय से कोई 20 किलोमीटर दूर लूटो पनसो गांव में डायन बिसाही के नाम पर निर्मम तरीके से तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई। हत्या करने वाला अपना भतीजा निकला। आदिवासी बहुल इलाकों में इस तरह की हत्याएं आम हैं। वहीं हत्या के बाद सीधे-सादे आदिवासी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए थाना पहुंचकर अपराध स्वीकार कर लेते हैं। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। हत्या करने वाले बिपता उरांव ने थाना पहुंचकर सरेंडर कर दिया, अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
शनिवार की रात कोई नौ बजे की घटना है। बंधन उरांव और उसकी पत्नी सोमारी देवी को उनकी बहू बासमुनी खाना परोस रही थी। इसी दौरान भतीजा बिपता घर में प्रवेश किया और पहले बंधन और सोमारी को कुल्हाड़ी से काट डाला। शोर सुनकर बासमुनी ज्यों ही रसोई से बाहर निकली बिपता ने उस पर भी हमला किया और भाग निकला। बासमुनी के दो छोटे बच्चे सो रहे थे, बच गये। बासमुनी का पति मजदूरी करने चेन्नई गया हुआ है। मगर घंटे भर के भीतर बिपता ने कोटाम पुलिस पिकेट जाकर सरेंडर कर दिया। बंधन की पत्नी सोमारी झाड़फूंक का काम करती थी। इसे लेकर भतीजा से उसका विवाद होता रहता था। भतीजा बिपता को लगता था कि चाची के कारण ही उसके घर के लोग परेशान रहेते हैं।
बता दें कि झारखंड में डायन बिसाही के नाम पर लगातार हत्या की घटनाएं होती रहती हैं। इसी साल फरवरी माह में गुमला में पंचायत की सहमति के बाद रिश्तेदारों ने ही एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी। अप्रैल महीने में भी पत्नी के सामने ही 70 साल के वृद्ध रंथू की अंधविश्वास में कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। पिछले माह भी गुमला के चैनपुर में 60 साल की आदिम जनजाति की महिला जोहानि असुर की डायन बिसाही के शक में टांगी से काटकर हत्या कर दी गई। छह माह में परिवार के तीन सदस्यों की मौत हुई तो डायन होने के शक में आरोपी ने जोहानि की हत्या की थी। 2015 से 2020 के बीच करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज किय गये जिसमें 215 महिलाओं की डायन के आरोप में हत्या कर दी गई।