झाऱखंडः राजधानी में पैर पसार रहे उग्रवादी, राजभवन के करीब दीवार पर साटे पर्चे
झारखंड में नक्सलियों का हौसला बढ़ता जा रहा है। जंगल और पहाड़ों पर ठिकाना बनाने वाले नक्सली राजधानी रांची में धमक दे रहे हैं। एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी ( तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) ने हृदय स्थली, राजभवन के समीप ही पोस्टर चिपकार कर सत्ता को चुनौती दे दी है। हाल के दिनों में रांची के ग्रामीण इलाके सहित रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, खूंटी में नक्सलियों द्वारा पोस्टर चिपका पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। आज राजभवन से पचास मीटर की दूसरी पर न्यू मार्केट में पोस्टर चिपकाया, नगर निगम अस्पताल पर बैनर टंगा मिला तो पुलिस प्रशासन के होश उड़े। पर्चे में कोयला ट्रांसपोटिंग रोकने, एनआइए व पुलिस की दलाली को लेकर नारे थे। पुलिस दमन, विस्थापितों के दमन, सीसीएल व एनटीपीसी के अफसरों की तानाशाही को लेकर नारे लिखे थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद कोतवाली पुलिस ने बैनर, पोस्टर हटाया। सीसीटीवी फूटेज की मदद से पोस्टर चिपकाने वाले की तलाश हो रही है।
कोरोना काल में जब लेवी वसूली का कारोबार मंदा पड़ा तो इनकी धमक शहर में बढ़ गई है। आपराधिक संगठनों से मदद लेकर ये अपना काम कर रहे हैं। कहीं छात्र, कहीं मजदूर बनकर रांची में किराये के मकान में रहते हैं। बिल्डरों, व्यापारियों, जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलने के धंधे में जुटे हैं। ग्रामीण इलाकों में सीधा एक्शन की घटनाओं को भी अंजाम दे देते हैं। राजधानी में बढ़ती धमक शासन के लिए नई चुनौती बन रही है।
राजधानी में बढ़ी सक्रियता
पिछले महीने 50 लाख की रंगदारी की मांग को लेकर रांची के धुर्वा इलाके में सूर्या टेंट हाउस के मालिक के आवास पर फायरिंग की थी। पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम से फोन किया गया था।
पीएलएफआइ के पांच उग्रवादी इसी साल अक्टूबर महीने में रांची से गिरफ्तार किये गये थे। सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में एक फायरिंग के सिलसिले में घटना को अंजाम देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो खुलासा हुआ कि वह पीएलएफआइ के लिए काम करता था। उसी की निशानदेही पर दूसरे उग्रवादी गिरफ्तार हुए। ये दो लाख के इनामी एरिया कमांडर पुनई गिरोह के सदस्य थे। ये रांची में रह कर रेकी कर रहे थे। बिल्डरों से रंगदारी मांगने की योजना बना रहे थे।
29 अगस्त को गिरफ्तार पीएलएफआइ उग्रवादी विनय तिग्गा और कचना पाहन नामकुम थाना के लोअर चुटिया में किराये के मकान में रह रहा था। जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलना इनका धंधा था।
29 अगस्त को ही मजदूर बनकर पंडरा इलाके में कई माह से रह रहा पीएलएफआइ उग्रवादी सनी कच्छप कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहा था। अगस्त में ही 21 तारीख को पीएलएफआइ उग्रवादी परमेश्वर गोप टाटीसिलवे से गिरफ्तार किया गया था। एक कारोबारी की हत्या की योजना बनाते पुलिस ने पकड़ा था। वह भी कई माह से यहां किराये के मकान में रह रहा था। उसके पहले दो मई को रांची के केंद्रीय इलाका अरगोड़ा में किराये के मकान में छिपकर रह रहे टीएसपीसी के सब जोनल कमेटी के सदस्य सौरभ गंझू को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके पहले फरवरी माह में पलामू में सक्रिय टीएसपीसी के एरिया कमांडर राजेंद्र कुमार भुइयां को रातू से गिरफ्तार किया गया था। वह यहां किराये के मकान में रह रहा था। जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलना इसका धंधा था। जनवरी में ही टीएसपीसी का सब जोनल कमांडर निशांत भी रातू से गिरफ्तार किया गया था।