झारखंड के मंत्री को रिया की चिंता
हेमंत सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर को रिया की चिंता है। ड्रग्स कनेक्शन मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) गिरफ्तार कर चुका है मगर रिया की गिरफ्तारी के एक दिन पहले जब एनसीबी द्वारा रिया से पूछताछ की जा रही थी, मीडिया ट्रायल से मिथिलेश ठाकुर दुखी दिखे।
सात सितंबर के अपने ट्वीट में उन्होंने आहत भाव से लिखा, क्या तमाश है जुर्म साबित होने के पहले ही सजा क्या और एक आत्महत्या करवायेंगे आप शर्म आनी चाहिए। उन्होंने पीएमओ, अमित शाह और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए अपनी पीड़ा जाहिर की है।
चैनलों के कैमरा मैन से घिरी रिया की चार तस्वीरें भी हैं। एक और आत्महत्या... उनका कहना सुशांत सिंह राजपूत को लेकर है तो उन्होंने जांच पूरी होने से पहले ही खुद सुशांत की मौत को आत्महत्या करार दिया है।
झारखंड के वे पहले मंत्री हैं जिन्होंने रिया को लेकर इस तरह की संवेदना जाहिर की है। यह बात अलग है कि बड़ी जमात अभी रिया को विलेन के रूप में देख रहा है। इसके पहले पांच सितंबर को मिथिलेश ठाकुर ने ट्वीट किया है कि मौत पर राजनीति .... कोई इनसे सीखे। बिहार चुनाव में मुद्दे के रूप में सुशांत की मौत की इंट्री, भाजपा ने छपवाया स्टीकर-ना भूले हैं, ना भूलेंगे। खबर पर उपरोक्त टिप्पणी की है। वैसे चुनावी एजेंडा बनाये जाने पर अनेक लोगों ने भाजपा पर आक्रमण किया है।
रिया पर मिथिलेश ठाकुर के ट्वीट पर अनेक लोगों ने उन्हें घेरा है तो कुछ ने पक्ष में भी प्रतिक्रिया दी है । सुरेंद्र महतो ने टिप्पणी की है कि इस मामले को आप छोड़ दीजिए। देश की बेहतरीन टीम सीबीआइ द्वारा जांच चल रही है। जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। पंकज की टिप्पणी है कि सुशांत की हत्या के समय ऐसी भावना नहीं जागी कांग्रेस और शिवसेना की, पर रिया को कुकर्म की थोड़ी सी क्या तकलीफ हुई आप लोगों से रहा नहीं जा रहा है। आपकी सरकार आरोपी को बचाने के लिए इतना उत्सुक क्यों रहती है। सत्या सिंह ने पूछा है कि मंत्री जी आपको कैसे पता चला कि यह आत्महत्या है। क्या आप सीबीआइ हैं। ये मीडिया के पिक्स पे मत जायें ये सब उस उनके पीआर टीम का एक प्लान है, उनको मजबूर दिखलाने का। लगता है ये पिक्चर देख आप भी कंफ्यूज हो गये। आप झारखंड पर ध्यान दें, बॉलीवुड के लिए सीबीआइ और एनसीबी है।
सारथी ने कहा है कि आपकी बातें बिल्कुल सही है मीडिया ट्रायल में इतना दबाव देंगे कि सामने वाला आत्महत्या कर लेगा... इस तरह का दबाव देना कहां की पत्रकारिता है। मो.फरहान की प्रतिक्रिया है कि लाख रिया गलत हो मगर हमारे देश में महिला की इज्जत ही सर्वोपरी है। कुछ पत्रकारों की माइक देखो कहां लग रहे हैं। अगर पत्रकार ऐसी हरकत करेंगे तो इससे न कि रिया की इज्जत पे कोई फर्क पड़ेगा पर इस देश की अस्मिता को ठेस जरूर पहुंचेगी।
अजय सरकार ने लिखा कि कुछ संजय रावत के बारे में भी बोल दो भाई। नेहा की टिप्पणी है कि रिया इतना दुखी अपने व्वॉयफ्रेंड सुशांत की मौत पर भी नहीं हुई, जितना मीडिया के धक्के से हो गई। वह रोज सुशांत को चार बूंद जहर दे रही थी तब उसे तकलीफ या झिझक नहीं, पर अब यह बात बताने में उसे तकलीफ हो रही है। कोई झारखंड में जल स्रोतों को लेकर तो कोई नियुक्तियों को लेकर सवाल कर रहा है तो कोई , प्रदेश की समस्याओं पर ध्यान देने की सलाह दे रहा है।