झारखंडः पीएम गए पानी भी चला गया, हाल बिरसा मुंडा के गांव का
रांची। "धरती आबा बिरसा मुण्डा का गांव उलिहातु प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बीते 15 नवंबर की यात्रा के बाद भी एक-एक बूंद पानी के लिये तड़प रहा है।" आज देश के जाने-माने लेखक-पत्रकार और 'आबुआ झारखण्ड' के संयोजक विकास कुमार झा ने उलिहातु में स्थानीय पत्रकारों के संग घर-घर सर्वेक्षण और स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद ये बातें यहां कहीं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने प्रधान मंत्री के आगमन के अवसर पर उलिहातु गांव में पेयजल संकट को हमेशा के लिये दूर करने के लिए आनन फानन में साइको और बारी निस्किल में जल मीनार बनवाया और लाखों की लागत से पाइप बिछवाया। उलिहातु के घर-घर में नल भी लगवा दिया। पर समुचित तकनीकी तैयारी के कारण उलिहातु के घरों में पानी नहीं आ रहा था। आखिरकार प्रशासन ने फजीहत से बचने के लिए टैंकर से दोनों नव निर्मित जल मीनारों में पानी भरवाया।लिहाजा, प्रधान मंत्री जब 'बिरसा जयंती' के अवसर पर उलिहातु पहुंचे, तो उलिहातु में कृत्रिम रूप से जल आपूर्ति की व्यवस्था हो चुकी थी।
प्रधान मंत्री ने उलिहातु के ग्रामीणों से अपने संबोधन में कहा कि अब उलिहातु में पानी की कभी कमी नहीं होगी। पर प्रधान मंत्री के उलिहातु कार्यक्रम के दो दिन बाद जब दोनों जल मीनारों में टैंकर से भरा गया पानी खत्म हो गया, तो उलिहातु के सारे नये-नये नलके सूख गये।आज 'आबुआ झारखण्ड' के सर्वेक्षण के दौरान उलिहातु के ग्रामीणों ने एक सुर से कहा कि--"प्रधान मंत्री गये और पानी भी उनके साथ चला गया।
'आबुआ झारखण्ड' के संयोजक लेखक-पत्रकार विकास कुमार झा ने कहा कि आदिवासी समाज के साथ सरकार ने यह वीभत्स मजाक किया है। उन्होंने कहा कि हम पत्रकारों ने उलिहातु को गोद लिया है। जब तक यहां पेय जल नहीं उपलब्ध होगा, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार के नाकारेपन की भी तीखी भर्त्सना की।