झारखंड: भाजयुमो की 'युवा आक्रोश रैली' से पहले रांची के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू
झारखंड के रांची में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की 'युवा आक्रोश रैली' से पहले प्रशासन ने राजधानी में निषेधाज्ञा लागू कर दी। उन्होंने मोरहाबादी मैदान के पास शुक्रवार को सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक किसी भी प्रदर्शन और सार्वजनिक बैठक पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम को हेमंत सोरेन सरकार द्वारा किए गए 'अन्याय' के खिलाफ भाजयुमो कार्यकर्ताओं की 'आवाज दबाने' का प्रयास करार दिया है। साथ ही भाजपा ने दावा किया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में सरकार को बाहर का रास्ता दिखाए जाने में बमुश्किल दो महीने का ही समय बचा है।
जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान के परिसर को छोड़कर इसके 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी है। निषेधाज्ञा के तहत इस दायरे में सार्वजनिक सभाओं, रैलियों, धरना, प्रदर्शनों और पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यहां हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और पारंपरिक हथियार जैसे लाठी, भाले, धनुष और तीर ले जाने पर भी प्रतिबंधित है। साथ ही क्षेत्र में लाउडस्पीकर का उपयोग भी वर्जित है। आदेश में इस बात पर चिंता जाहिर की गई कि कुछ संगठन या दल धरना, प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करने की योजना बना रहे हैं और वे मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव कर सकते हैं।
आदेश में कहा गया, ''ऐसी गतिविधियों से सरकारी काम में बाधा उत्पन्न हो सकती है, यातायात प्रभावित हो सकता है, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है और सार्वजनिक स्थानों पर अशांति फैल सकती है। इसलिए निषेधाज्ञा लागू की गई है।''
इस बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पर आरोप लगाया कि वह भाजयुमो कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिलों से रांची पहुंचने से रोक रही है क्योंकि कई बसों को जब्त कर लिया गया है। चौहान ने आरोप लगाया, ''केवल एक डरा हुआ मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) ही इस तरह की हरकतें कर सकता है। वह न तो सरकार चला पा रहे हैं और न ही अपनी पार्टी।
हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में राज्य में हत्याओं के 7,812 मामले, बलात्कर के 7,115, अपहरण के 6,937, दंगे के 8,792, लूट के 2,721, डकैती के 485 और अन्य अपराध के 2,73,261 मामले सामने आए हैं। घुसपैठिए आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं, हर जगह खुली लूट मची हुई है। जब भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने उनके पांच लाख नौकरियों जैसे चुनावी वादों के बारे में पूछा, तो कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।'' उन्होंने दावा किया कि वर्तमान झामुमो नीत सरकार के अब गिने-चुने दिन रह गए हैं। शिवराज ने कहा, ''जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हमारी आवाज नहीं रोक सकीं तो आप हमारी आवाज कैसे दबा सकते हैं।''
झारखंड में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भाजपा की युवा शाखा के सदस्यों ने प्रदर्शन करने के लिए 'युवा आक्रोश रैली' का आयोजन किया है।