झारखंड : जनता को राहत, नहीं बढ़ेगी बिजली की दर
कोरोना में ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों के परेशान लोगों को बिजली के मोर्चे पर राहत मिली है। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दर में वृद्धि से इनकार किया है। हालांकि विद्युत कंपनियों ने 25-30 फीदस तक बिजली दर में वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। माना जा रहा था कि नियामक आयोग बिजली दर में दस प्रतिशत तक वृद्धि की घोषणा कर सकता है।
विद्युत नियामक आयोग के सदस्य तकनीकी आरएन सिंह ने शुक्रवार को बिजली टैरिफ की घोषणा की। बताया कि विद्युत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। मीटर रेंट की वसूली भी खत्म कर दी गई है। डीपीएस ( डिले पेमेंट सरचार्ज) की दर मासिक डेढ़ प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दी गई है। ऑन लाइन भुगतान पर एक प्रतिशत और निर्धारित समय से पूर्व अदायगी पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। उपभोक्ताओं को दो माह तक बिल नहीं मिलने पर तीसरे माह से एक प्रतिशत ( अधिकतम तीन प्रतिशत) की छूट दी जायेगी।
प्रीपेड मीटरिंग का प्रावधान करते हुए तीन प्रतिशत तक विशेष छूट एवं सिक्युरिटी मनी की वापसी का प्रावधान किया गया है। निर्णयों को तत्काल प्रभाव यानी अक्टूबर 2020 के प्रभाव से लागू किया गया है। पूर्व की भांति ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओ को 5.75 रुपये तथा शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से शुल्क अदा करना होगा।
ग्रामीण कामर्शियल की दर 6 रुपये से घटाकर 5.75 तथा शहरी कामर्शियल की दर 6.25 रुपये से घटाकर 6 रुपये प्रति यूनिट की गई है। प्रदेश में करीब चालीस लाख घरेलू उपभोक्ता है जिन्हें राज्य सरकार कोई तीस फीसद सब्सीडी देती है। अब देखना होगा कि नई टैरिफ के बाद सब्सीडी जारी रहेगी या नहीं। सब्सीडी खत्म होने पर टैरिफ नहीं बढ़ाने के बावजूद उपभोक्ताओं को अधिक राशि अदा करनी होगी।