झारंखडः बच्चा जब कुएं में गिरा, दिखा हाथियों का गुस्सा और प्यार
हाथी बहुत संवेदनशील होते हैं। दोस्त हैं तो दुश्मनी भी उसी अंदाज में निभाते हैं। उनके गुस्से और परिवार के प्रति प्यार का क्या कहना। एक से एक दिलचस्प घटनाएं हैं। ताजा मामला झारखंड के रामगढ़ के गोला प्रखंड के रकुआ गांव का है। गुरूवार को भोर होने से पहले अंधेरे में ही हाथियों के झुंड का एक बच्चा खेत के कुएं में गिर गया। झुंड अपने हिसाब से उसे निकालने की कोशिश में लगा और कुएं को घेरे रहा। उजाला हुआ तो थोड़ा फासले से झाड़ियों के पीछे से बच्चे पर नजर रख रहे थे। इसी बीच सुबह रतन महतो खेत में किनारे शौच को गये तो हथियों ने उन पर हमला कर दिया। शायद हाथियों को लगा कि बच्चे को नुकसान न पहुंचा दे। वे घायल हो गये। इसके बाद ग्रामीणों को जानकारी मिली कि हाथी का बच्चा कुएं में गिरा हुआ है। वैसे ग्रामीणों को रात में भी हाथियों के चिंहाड़ की आवाज सुनाई दे रही थी। बच्चे को निकालने में विफल हाथियों के झुंड ने तब गुस्से में करीब एक एक दर्जन से अधिक किसानों की फसल को रौंद दिया । बात वनकर्मियों तक पहुंची। ग्रामीणों और वनकर्मियों ने मिलकर हाथी के बच्चे को निकाला और हाथियों के झुंड की ओर रवाना कर दिया। उसे साथ लेकर हाथी निकल लिये। इस दौरान हाथी लगातार चिंहाड़ते रहे।
हर साल हमला करने आता है
हाथियों की यादाश्त बड़ी तेज होती है और बदले की भावना भी। हजारीबाग के दारू प्रखंड के लुकुइयां गांव में हाथियों को झुंड लगभग हर साल आता है और वहां रहने वाले छोटन के घर को तबाह कर देता है। दो माह पहले भी यह घटना घटी। झारखंड के जंगली इलाको में हाथियों का रूट है। भोजन की तलाश में आते हैं, कभी कभी मार्ग भटक जाते हैं। 2014 में लुकुइया के छोटन के घर हाथियों के झुंड ने हमला बोला था। घर में रखे अनाज को खाने के लिए घर की दीवार को ढाह दिया था। इस क्रम में एक लोहे की बल्ली झुंड में शामिल छोटे बच्चे पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। झुंड दिनभर वहीं बैठ शोक मनाता रहा। उसके बाद से हाथियों का झुंड लगभग हर साल आता है और छोटन के घर को ढाह देतेा है। हजारीबाग के विकास के अनुसार पिछले छह साल में हाथी चार बार उसका घर गिरा चुके हैं। इसी तरह हजारीबाग के ही चरही के पुरना पानी में हाथियों का झुंड हर साल अघनू महतो के घर पर धावा बोलता रहा। यह घटना बहुत पुरानी है। हाथियों ने अघनू के घर हमला किया तो वे निकल भागे मगर ग्रामीणों के साथ मिल हथियार से हाथियों के झुंड पर जवाबी कार्रवाई की। बस उसी का बदला लेने हाथी नियमित आते रहे।