झारखंड का एक लाख एक हजार करोड़ का बजट, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेती पर फोकस
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने गुरुवार को विधानसभा में 2022-2023 के लिए झारखंड का एक लाख एक हजार, एक सौ 21 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह बजट पिछली बजट की तलना में 9824 करोड़ अधिक का है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में किसान, महिला, युवा और रोजगार, आधारभूत संरचना पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट के पहले 'हमर अपन बजट' कार्यक्रम के तहत लोगों से सुझाव मांगे गये थे। बजट में उसका समाधान निकालने का प्रयास किया गया है। बजट में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में 27 प्रतिशत, पेयजल में 20 और खाद्य वितरण में 21 प्रतिशत की वृदि्ध की गई है। राजस्व व्यय के लिए 76,273 करोड़ 30 लाख रुपये, पूंजीगत व्यय में 24 हजार 827 करोड़ 70 लाख, सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 हजार 313 करोड़ और सामान्य वर्ग के लिए 31896.64 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पीएम आवास से जुड़ेगा एक और कमरा
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य सरकार अपने खर्च पर एक और कमरे का निर्माण करायेगी। इसके लिए प्रति लाभुक अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए 50 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जायेगी। साथ ही गरीब किसानों को हर माह एक सौ युनिट तक बिजली मुफ्त दी जायेगी। आपदा से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए राज्य फसल राहत योजना के तहत 25 करोड़ रुपये के कॉरपास फंड का निर्माण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हम गोधन विकास योजना शुरू करने जा रहे हैं। इसके माध्यम से 40 हजार किसानों को स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा। सरकार गोबर खरीदकर बायो गैस को बढ़ावा देगी। नये साल में एग्री स्मार्ट ग्राम योजना शुरू होगी। स्थानीय विधायक की अनुशंसा पर पहले चरण में ऐसे एक सौ गांवों का चयन होगा। मिसिंग लिंग को पाट कर इन गांवों का समेकित विकास किया जायेगा। मरनेगा के तहत 12 करोड़ 50 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य है। खाद्य सुरक्षा योजना में पांच लाख और लोगों को जोड़ा जायेगा। खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों को हर माह एक किलो दाल एक रुपये की दर से उपलब्ध कराया जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में हम काफी काम करने जा रहे हैं। स्वास्थ्य बजट पर 27 प्रतिशत ज्यादा खर्च करेंगे। सभी जिला अस्पताल 300 बेडेड अस्पताल में अपग्रेड होंगे। कई अनुमंडल अस्पताल जिला अस्पताल में अपग्रेड होंगे। एयर एंबुलेंस का भी प्रावधान है। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संसथान, एमजीएम जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद में मरीजों के हित में व्यापक सुधार किया जायेगा। कांके में पीपीपी मोड में मेडिको सिटी की स्थापना होगी। सुदूर ग्रामीण इलाकों में अत्यंत कमजोर परिवारों की सुविधा के लिए बाईक एंबुलेंस शुरू करने की योजना है। राजधानी रांची को जाम से राहत दिलाने के लिए कई फ्लाईओवर और इनर रिंग रोड का भी प्रस्ताव है।
जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाते हुए आदिवासी बच्चों की भांति अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक तथा पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को सरकारी खर्च में उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए सरकारी खर्च पर विदेश भेजा जायेगा। गुणवत्ता पूर्व उच्च शिक्षा के लिए 33 नये डिग्री-महिला कॉलेजों के सभी पदों के सृजन की कार्रवाई की जा रही है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग में 1363 पदों के संबंध में अधियाचना भेजी गई है। गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा में आर्थिक परेशानी न हो इसके लिए गुरूजी क्रेडिट कार्ड योजना सरकार शुरू करेगी।
केंद्र के सहयोग से क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र रांची में साइंस सिटी की स्थापना की जायेगी। दुमका एवं देवघर में राज्य में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अतिरिक्त छात्रावास के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आकांक्षी योजना के तहत रांची में मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए रीडिंग रूम का निर्माण कराया जायेगा। सभी जिलों में जिला पुस्तकालय की स्थापना होगी। ज्ञानोदय योजना के तहत स्कूलों में साइंस लैब और स्मार्ट क्लास बनाये जायेंगे। नये साल में एक लाख युवाओं के कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। नये साल में एक हजार और पंचायतों को जीरो ड्रॉपआउट करने का लक्ष्य है। राज्य के 1828 पंचायत जीरो ड्रॉपआउट घोषित हो चुके हैं। ग्रामीणों को पढ़ने के लिए स्थान उपलब्ध कराने के मकसद से ग्राम पंचायत भवनों को ज्ञान केंद्रों के रूप में विकसित किया जायेगा। स्कूलों से बाहर रह रहीं 23 हजार किशोरियों का चयन कर उनका आठवीं व दसवीं कक्षा में नामांकन कराया जायेगा। 42 हजार शिक्षकों को टैब उपलब्ध कराया जायेगा और बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए रिमेडेयल क्लास शुरू करने की योजना है। पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 प्रतिशत तक की वृदि्ध का सरकार ने निर्णय किया है, उस आलोक में उनके मानदेय के भुगतान के लि बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पर्यटकों का आकर्षित करने के लिए जल प्रपातों को विकसित किया जायेगा, रोपवे का निर्माण होगा। पर्यटन के क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। पर्यटन एवं कला संस्कृति पर 349 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। गांवों में युवाओं के लिए सिदो कान्हू क्लब की स्थापना होगी।
2024 तक सभी घरों में नल से पानी पहुंचाने की प्रतिबद्धता सरकार ने दोहराई है। साहिबगंज, गोड्डा, दुमका और पाकुड़ जिले में गंगा का पानी घरों तक नल से पहुंचाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। सरना, मसना, जाहेरथान, हड़गडी के चहारदीवारी, चबूतरा निर्माण पर 175 करोड़ रुपये और कब्रिस्तानों की घेराबंदी पर दो सौ करोड़ रुपये खर्च का बजट में प्रावधान किया गया है।