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03 May 2021

झारखंड: भाजपा यहां भी खा गई मात, नहीं बचा पाई प्रतिष्ठा वाली सीट

प्रतीकात्मक तस्वीर

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को पराजित करने में असफल रही भाजपा झारखंड के मधुपुर विधानसभा उप चुनाव को अपनी झोली में डालने में कामयाब नहीं रही। झामुमो के हफीजुल ने भाजपा के गंगा नारायण सिंह को 5321 मतों से पराजित कर दिया। हालांकि यहां नोटा का भी लोगों ने जमकर इस्‍तेमाल किया। 5121 वोट नोटा के खाते में गिरे। एक प्रकार से भाजपा के लिए यह हार का हैट्रिक है। बेरमो और दुमका उप चुनाव में भाजपा अपनी करामात नहीं दिखा सकी। इसने मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन का राजनीतिक कद ऊंचा किया है। खुद हेमन्‍त सोरेन ने कहा कि झामुमो गठबंधन की यह तीसरी विजय है। इसने विरोधियों के अनेक सवालों का उत्‍तर दे दिया।

प्रतिष्‍ठा का सवाल था

भाजपा और झामुमो दोनों के लिए यह प्रतिष्‍ठा वाली सीट थी। झामुमो विधायक, अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत के बाद उनके पुत्र हफीजुल को ही पार्टी ने उम्‍मीदवार बनाया। पूरा दांव खेलते हुए विधायक बनने के पहले ही हेमन्‍त सोरेन ने मंत्री बना दिया। वहीं भाजपा अपना गणित बैठाते हुए अपनी सहयोगी पार्टी आजसू के गंगा नारायण सिंह को भाजपा में शामिल करते हुए अपना उम्‍मीदवार बना दिया। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के दो टर्म विधायक रहे मंत्री राजपलिवार झामुमो के हाजी हुसैन पराजित होकर दूसरे पायदान पर थे। जबकि आजसू के गंगा नारायण अच्‍छे वोटों के साथ तीसरे पायदान पर रहे। भाजपा को भरोसा था कि अपनी ताकत के बल पर बेहतर परफार्मेंस दिखाने वाले गंगा नारायण सिंह को भाजपा का उम्‍मीदवार बना दें तो जीत हमारी होगी। मुख्‍यमंत्री के लिए अपनी ही पार्टी की सीट को वापस करने की चुनौती थी। सारा कुनबा लगा हुआ था। पराजय के बावजूद भाजपा को तसल्‍ली है कि बहुत कम मार्जिन से हारे। गंगा नारायण सिंह तो कहते हैं कि यह हमारी हार नहीं जीत है, जनता का अपार समर्थन मिला। भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश कहते हैं कि यह झामुमो की नहीं बल्कि सत्‍ता की जीत है। 2019 की तुलना में भाजपा बहुत कम मतों से पराजित हुई है।

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नया नेतृत्‍व फिर फेल

झारखंड में विधानसभा उप चुनाव की तीनों सीटें यूपीए की थीं जिसे यूपीए ने अपने अपनी ही झोली में डाल लिया। दुमका खुद मुख्‍यमंती हेमन्‍त सोरेन की छोड़ी हुई सीट थी जबकि बेरमो कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राजेंद्र सिंह की मौत से खाली हुई थी। और मधुपुर अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की तीन अक्‍टूबर 2020 को हुई मौत के बाद से खाली थी। तीनों सीटें भाजपा के नये नेतृत्‍व के लिए चुनौती थी, खुद को साबित करने का मौका था। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद ही 2020 में भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता के रूप में बाबूलाल मरांडी की तैनाती हुई थी। विधानसभा चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय कर दिया था तो आजसू भी वापस भाजपा गठबंधन में शामिल हो गई थी। ठीक है तीनों सीटों पर यूपीए का कब्‍जा था मगर भाजपा मधुपुर में भी अपना करामात नहीं दिखा सकी। हेमन्‍त सरकार के प्रति नाराजगी नहीं पैदा कर सकी।

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TAGS: पश्चिम बंगाल, ममता बनर्जी, मधुपुर विधानसभा उप चुनाव, भाजपा और झामुमो, गंगा नारायण सिंह, हफीजुल, West Bengal, Mamta Banerjee, Madhupur Assembly by-election, BJP and JMM, Ganga Narayan Singh, Hafeezul, झारखंड चुनाव
OUTLOOK 03 May, 2021
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