Advertisement
05 May 2018

सपा-रालोद में गठबंधन, कैराना से रालोद ने तबस्सुम हसन, नूरपुर से सपा ने नईमुल हसन को उतारा

रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी तब्बसुम हसन को कैराना उपचुनाव का रालोद का सिम्बल देते हुए (बाएं)

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ी पहल की है। कैराना और नूरपुर उपचुनाव में रालोद और सपा का गठबंधन हो गया है। गठबंधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है। मुस्लिम मतों में सपा और जाटों में रालोद की गहरी पैठ के अलावा इस गठबंधन को मायावती के दलित वोट बैंक का समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस तरह विपक्षी गठबंधन पश्चिमी यूपी में भी फूलपुर और गोरखपुर जैसा उलटफेर करना चाहता है।

कैराना लोकसभा सीट से रालोद चुनाव लड़ेगी और यह सीट समाजवादी पार्टी ने रालोद के लिए छोड़ी है। यहां से समाजवादी पार्टी की नेता रहीं तबस्सुम हसन अब रालोद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगी जबकि नूरपुर विधानसभा सीट में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नईमुल हसन मैदान में होंगे।

कैराना से प्रत्याशी बनाई गई तबस्सुम हसन दिल्ली में जाकर रालोद प्रमुख अजित सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से मिली। उनके साथ उनके एमएलए बेटे नाहिद हसन भी थे। तबस्सुम ने दिल्ली में आरएलडी की सदस्यता भी ली।

Advertisement

हुकुम सिंह और लोकेद्र सिंह के निधन से खाली हुई थीं सीटें

चुनाव आयोग की ओर से कैराना के सांसद हुकुम सिंह और नूरपूर के विधायक लोकेंद्र सिंह के निधन से दोनों सीटें रिक्त घोषित की गई थीं। दोनों सीटों पर 28 मई को वोटिंग और 31 मई को मतगणना होगी। उप चुनाव में बसपा और कांग्रेस का अप्रत्यक्ष रूप से गठबंधन को समर्थन होगा। हालांकि बसपा ने साफ किया है कि वह दर्शक की भूमिका निभा रही है।

जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की हुई थी मुलाकात

इससे पहले शुक्रवार को पूर्व सांसद और रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात में यह तय हुआ था कि कैराना लोकसभा का उपचुनाव सपा लड़ेगी और रालोद समर्थन करेगी। ऐसे ही नुरपूर विधानसभा का उपचुनाव रालोद लड़ेगी और सपा समर्थन करेगी, लेकिन शनिवार दोपहर फैसले में परिवर्तन हुआ और तय हुआ कि कैराना रालोद लड़ेगी और नूरपुर सपा लड़ेगी।

कैराना और नूरपुर का गणित

कैराना में करीब डेढ़ लाख वोट जाट और पांच लाख वोट मुस्लिम समुदाय के हैं। इसके अलावा अन्य जातियों के वोट हैं। नूरपुर विधानसभा क्षेत्र क्षत्रिय बाहुल्य है और इसके बाद मुसलिम वोटर हैं। यहां से दो बार से विधायक लोकेंद्र सिंह चौहान थे। 

रालोद के उत्तर प्रदेश प्रभारी राजकुमार सांगवान का कहना है, ‘जिस तरह की सांप्रदायिक ताकतें धर्म और जाति की आड़ में देश और प्रदेश की हुकूमत में जनता को बांटने का काम कर रही हैं, तमाम किसान, नौजवान और गरीब की भावनाओं से खेल रही हैं। ये गठबंधन इनके अहंकार को तोड़ने का काम करेगा। किसान, नौजवान, दलित और मुसलमान भाजपा से परेशान हैं। ये सभी मिलकर भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देंगे और हम दोनों सीटों पर चुनाव जीतेंगे।‘

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है, ‘भाजपा अपने नेतृत्व के मार्गदर्शन, प्रधानमंत्री और योगी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, संगठन और कार्यकर्ताओं के बलबूते सभी चुनौतियों को लेकर तैयार है। अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से हम जनता के बीच हैं। जनता इस बात को समझती है कि भाजपा जो कहती है, वह करती है। जवाबदेह दल है। दोनों सीटों पर भाजपा की विजय होगी।‘

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Kairana, Noorpur, Samajwadi Party, RLD, jayant chaudhary, akhilesh yadav
OUTLOOK 05 May, 2018
Advertisement