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21 February 2018

कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार को एक वोट से हराने वाले कल्याण सिंह हार गए जिंदगी

-रामगोपाल जाट

कल्याण सिंह साल 2008 में कांग्रेस के नेता सीपी जोशी को हराकर मुकद्दर का सिकंदर बन अचानक चर्चा में आए थे, अब वे कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए।

यह वह समय था, जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के नेता सीपी जोशी के बीच राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के लिए अघोषित रूप से सियासी युद्ध चल रहा था। गहलोत जहां दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए लालायित थे, वहीं पार्टी के लिए काफी समय से जी-जान से जुटे जोशी को पार्टी के बड़े नेताओं सहित अधिकांश कार्यकर्ताओं का साथ मिल रहा था। इसी कश्‍ामकश्‍ा के बीच साल 2008 का विधानसभा चुनाव हुआ। जिसका परिणाम आने के साथ ही सभी की धड़कनें तेज हो गईं।

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सबको यह लग रहा था कि राज्य के अगले मुख्यमंत्री सीपी जोशी ही होंगे। तब, बकौल जोशी स्वयं उनको भी अपनी जीत के साथ मुख्यमंत्री बनने की तकरीबन पूरी उम्मीद थी। जैसे-जैसे राज्य में चुनाव परिणाम सामने आ रहे थे, त्यों-त्यों बीजेपी के साथ कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के दिलों की धड़कनें तेज हो रही थीं। जोधपुर के दिग्गज अशोक गहलोत विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा से जीत चुके थे। लेकिन उनके सामने सीपी जोशी की चुनौती अभी खड़ी थी। संभवत: गहलोत भी तब नाथद्वारा के नाथ श्रीनाथजी से जोशी पर खुद की जीत के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे।

तभी, दोपहर बाद परिणाम आने की सूचना मिली। पता चला मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार सीपी जोशी अपने प्रतिद्धंदी से एक वोट से हार गए। परिणाम जानकर पूरी पार्टी सकते में थी, तो अशोक गहलोत की खुशी का ठिकाना नहीं था। अपनी ही पार्टी के नेता को जिताने के लिए जितने प्रयास किए जाते हैं, उससे अधिक पार्टी के अंदर उनके प्रतिस्पर्धी की हार पर झूमते हुए गहलोत अंदर ही अंदर खुशी मना रहे थे। पार्टी के भीतर उनके रास्ते का सबसे बड़ा कांटा निकल चुका था।

इधर, सीपी जोशी को एक वोट से हराने वाले बीजेपी के विधायक कल्याण सिंह चौहान अचानक पूरी राष्ट्रीय राजनीति में छा गए। अब तक सियासी रूप से गर्त में रहे चौहान जहां अपनी जीत पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे, वहीं जोशी पर आसमान टूट पड़ा था। कांग्रेस ने घपला करार देते हुए रिकाउंटिंग करवाने की मांग की। देश की सांसद-विधायकी में इतिहास लिखा जा चुका था। तो बीजेपी चुनाव परिणाम में सरकार बनाने की होड़ में पिछड़ने के बाद भी कल्याण सिंह चौहान हीरो बन चुके थे। बाद में सामने आया कि खुद जोशी के परिवार में उनकी पत्नी सहित किसी ने वोट नहीं दिया था।

इसके बाद साल 2013 में कल्याण सिंह ने अपने प्रतिस्पर्धी को फिर मात दी। लेकिन ‌निय‌ति की चाल देखिए, कभी अपने सियासी दुश्मन को एक वोट से हराकर मुकद्दर के सिकंदर बने कल्याण सिंह चौहान बीती रात 2 बजे कैंसर से जंग हार गए। बीजेपी के कल्याण सिंह चौहान को लंबा समय से कैंसर था। उनका उपचार चल रहा था। उनका उदयपुर के अमेरिकन अस्पताल में इलाज चल रहा था। आज नाथद्वारा के नजदीक डगवाडा गांव में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उनके निधन के कारण आज राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

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TAGS: Kalyan Singh, defeated Congress's chief ministerial candidate, by one vote, lost to life
OUTLOOK 21 February, 2018
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