70 फीसदी स्थानीय कर्मचारियों वाले उद्योगों को ही मिलेगा फायदा : कमलनाथ
मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। माहौल की ठंडक इस बयान की गर्मी में घुल रही है। कमलनाथ ने कहा है कि उन्हीं उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा जिनमें 70 फीसदी स्थानीय लोग कर्मचारी होंगे।
उनके इस बयान से भाजपा, सपा और आरजेडी ने कड़ा ऐतराज जताया है। कमलनाथ का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों के कारण स्थानीय युवा नौकरी से वंचित रह जाते हैं।
जबकि इस मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया है क्योंकि वह इस मुद्दे से ‘अनभिज्ञ’ हैं। केंद्र में सरकार चला रही भाजपा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस ‘बंटवारे की राजनीति’ कर रही है। राहुल गांधी का कहना है कि वह इस मुद्दे के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, मुझे अभी इस बारे में पता चला है इसलिए पहले वह मामला समझेंगे और फिर प्रतिक्रिया देंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस लोगों को बांट रही है जबकि कमलनाथ खुद उत्तर प्रदेश के हैं। इसलिए उन्हें ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता है। वह जिस राज्य के हैं उसी राज्य के लोगों के बारे में उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी मांग की है कि कमलनाथ और राहुल गांधी इस बयान के लिए माफी मांगे। सिंह ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि वे संघीय ढांचे में विश्वास करते हैं या नहीं। दोनों को बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा के अलावा समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी नव निर्वाचित मुख्यमंत्री की आलोचना की है। सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कमलनाथ ने जो भी कहा है वह गलत है। पहले इन दोनों राज्यों के लोगों को महाराष्ट्र में निशाना बनाया गया और अब यही सब मध्य प्रदेश में हो रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आरजेडी के मनोज झा ने भी कमलनाथ की आलोचना की है और माफी मांगने को कहा है।
मध्य प्रदेश में मीडिया को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा था कि उन्हीं उद्योगों को छूट दी जाएगी जहां 70 फीसदी मध्य प्रदेश के मूल निवासी होंगे। कई उद्योग हैं जहां पर दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग काम करते हैं। मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा लेकिन उनकी वजह से मध्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाता है। इसलिए उन उद्योगों को फायदा दिया जाएगा जहां 70 फीसदी स्थानीय लोग कर्मचारी होंगे।