मध्य प्रदेश: कोरोना के दिए गए गलत आंकड़े, कमलनाथ का शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विधान सभा को विशेषाधिकार हनन की सूचना भेजते हुए आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के गलत आंकड़े प्रस्तुत कर सदन की अवमानना की है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, सचिव संजय गोयल, भोपाल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर तिवरी सहित अन्य अफसरों को नोटिस दिया जाये।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से 30 दिसंबर तक बुलाए जाने से पहले प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने 27 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद रहे। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों द्वारा कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट रखी थी। जिसमें कहा गया था कि विधानसभा के 61 अधिकारी कर्मचारी और 10 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए कोई भी सत्र बुलाने का जोखिम मोल लेने के लिए तैयार नहीं था।जिसके आधार पर शीतकालीन सत्र स्थगित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन नव निर्वाचित 28 विधायकों को अगले दिन शपथ दिलाई गई थी।
अब नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के अलावा कांग्रेस विधायक डा.गोविंद सिंह, एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, उमंग सिंघार और प्रवीण पाठक ने विशेषाधिकार हनन की सूचना विधानसभा में भेजी है। जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की शीतकालीन सत्र को निरस्त कराने में संदिग्ध व साजिशपूर्ण है। इस अफसरों ने विधानसभा सचिवालय और विधायक विश्राम गृह में फर्जी कोरोना जांच की साजिश रची और सर्वदलीय बैठक में कोरोना संक्रमितों के गलत आंकड़े प्रस्तुत किए। जो सदन की अवमानना है।
कमलनाथ पहले ही सत्र स्थगित करने में सहमति देकर अपनी पार्टी के लोगों के निशाने पर आ गये थे। उस समय भी उनकी पार्टी के वरिष्ठ विधायक इस बात के खिलाफ थे कि सत्र स्थगित किया जाये। उनका कहना था कि सरकार जानबूझकर यह सत्र स्थगित करवा रही है जिससे धर्म स्वातंत्र विधेयक पर चर्चा से बचा जा सके।