कामदुनी गैंगरेप-हत्या: तीन आरोपियों को फांसी, तीन को उम्रकैद
कामदुनी सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में आज सजा की घोषणा कर दी गई। कुल 6 आरोपियों में से तीन को अदालत ने मौत की सजा दी है जबति तीन अन्य को आजीवन कारावास। इससे पहले अदालत मामले के दो अन्य आरोपियों को बरी कर चुकी है। मामले में सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली तीन आरोपियों को सजाए मौत दी गई है जबकि इमानुल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नास्कर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा कल शुक्रवार को ही सुनाई जानी थी लेकिन दोषियों के वकील के यह दलील दिए जाने से टल गई थी कि पहले इससे अधिक जघन्य घटनाओं में कम सजा दिए जाने के उदाहरण हैं। वकील द्वारा यह दलील दोषियों को मौत की सजा दिए जाने की संभावना देखते हुए दी गई थी। दोषियों के वकील फिरोज एदुलजी ने अदालत में कहा था कि बलात्कार और हत्या के पहले भी ऐसे मामले रहे हैं जिनमें दोषियों को मृत्युदंड के अतिरिक्त अन्य सजा सुनाई गईं। उन्होंने देश की विभिन्न अदालतों के कुछ फैसलों का उल्लेख किया।
इससे पहले अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश संचिता सरकार ने लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि वह दलीलों को समाप्त करने के बाद कल सजा सुनाना चाहती हैं। आईपीसी की धारा 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोपियों सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को दोषी ठहराया गया था। न्यायाधीश ने अन्य तीन, इमानुल इस्लाम, अमीनुल इस्लाम और भोला नास्कर को आईपीसी की धाराओं 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत दोषी पाया था। दो अन्य आरोपी रफीकुल इस्लाम और नूर अली को उनके खिलाफ सबूत नहीं होने की वजह से बरी कर दिया गया था। एक अन्य आरोपी गोपाल नास्कर की पिछले साल अगस्त में मुकदमा चलने के दौरान मृत्यु हो गई थी।
यह घटना 7 जून 2013 की है जब कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर उत्तर 24-परगना जिले के कामदुनी में परीक्षा देकर अपने घर लौट रही एक 21 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने छात्राकी नृशंस हत्या कर दी थी। इस घटना को लेकर राज्य में जनाक्रोश छा गया था।