भाजपा के वाकआउट के बीच कुमारस्वामी को विश्वास मत हासिल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार ने शुक्रवार विधानसभा में विरोधी दल भाजपा के बहिष्कार के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया। सरकार के पक्ष में 117 वोट पड़े। भाजपा ने किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। इससे पहले कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार ने पहली बाधा उस वक्त पार कर ली जब कांग्रेस के केआर रमेश कुमार सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए।
भाजपा विधायकों ने विश्वास मत से पहले सदन का बहिष्कार किया। बहिष्कार से पहले भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री किसानों का कर्जा माफ नहीं करते हैं तो वे 28 मई को राज्य में बंद का आह्वान करेंगे। सदन से बाहर आने के बाद भाजपा विधायक आर अशोक ने कहा कि उनकी पार्टी अब आक्रामक रुख अपनाएगी। हम सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाएंगे।
विश्वास मत पेश करने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों के लिए काम करेगी। हम अपना अपना निजी हित पूरा करने के लिए यहां नहीं आए हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि न तो वे न ही देवेगौड़ा परिवार सत्ता के पीछे भागने वाला है। हमने अपने राजनीतिक जीवन का अधिकांश हिस्सा विपक्ष में बिताया है।
-भाजपा विधायकों ने विश्वास मत से पहले सदन का बहिष्कार किया। बहिष्कार से पहले भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री किसानों का कर्जा माफ नहीं करते हैं तो वे 28 मई को राज्य में बंद का आह्वान करेंगे।
-मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया।
-विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा को विरोधी दल के नेता के रूप में मान्यता दी। गोविंद कारजोल विपक्ष के उपनेता होंगे।
-कांग्रेस के केआर रमेश कुमार सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। उनके खिलाफ उतरे भाजपा के पांच बार के विधायक रहे एस सुरेश कुमार ने नाम वापस ले लिया। बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा बनाए रखने के लिए हमने अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया है।