कश्मीर मे स्थिति शांतिपूर्ण, आम जिंदगी पकड़ रही है रफ्तार
कुछ दिनों पहले तक हिंसा और झड़पों के कारण लंबे समय से कर्फ्यू के साये में सांस ले रही घाटी की आम जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लोट रही है। आम लोगों की जिंदगी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। सड़कों पर लोगों की आवाजाही देखी जा रही है। बाजारों और मंडियों में दूकानें खुलने लगीं है और उनपर ग्राहकों की आमद भी शुरू हो चुकी है। आज लगातार तीसरा दिन है जब पूरे कश्मीर घाटी में कहीं भी कर्फ्यू या किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं लागू हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर के सनत नगर, जवाहर नगर, राजबाग और विशंबर नगर इलाके में अनेक दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठानों समेत पेट्रोल पंप खुले रहे। हालांकि आज भी व्यावसायिक केंद्र लाल चौक और उसके आस-पास के इलाके की दुकाने बंद रहीं। अधिकारियों ने बताया कि पूरी कश्मीर घाटी की स्थिति शांतिपूर्ण रही। कहीं से भी किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में आज लगातार तीसरे दिन भी कहीं कर्फ्यू नहीं लगाया गया, लेकिन विभिन्न संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा, कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों के बीच सुरक्षा बहाल करने के उद्देश्य से विभिन्न संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, ताकि लोग बिना किसी डर के अपनी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीद सकें। हालांकि दक्षिणी कश्मीर में पुलवामा जिले के रहमू और मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले के चंदौरा इलाके के नौगाम में मामूली झड़पों की खबर है। कुछ लोगों ने यहां अलगाववादियों के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की थी। अलगाववादियों ने लोगों से शहर के मुख्य स्थान लाल चौक और अन्य प्रमुख सड़कों पर कब्जा करने और एकत्रित होने को कहा था। लेकिन अधिकारियों ने लाल चौक और अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती करके अलगाववादियों की योजना नाकाम कर दी।
पिछले लगभग 100 दिनों से घाटी में जारी हिंसा और कर्फ्यू की वजह से बंद के कारण स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान प्रभावित हुए हैं जो अभी भी बंद हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुई हिंसा से राज्य के शिक्षण संस्थान स्थिति सामान्य होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुई हिंसा में अभी तक 84 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं। हिंसक प्रदर्शनों के कारण जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अभी तक 300 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।