लक्षद्वीप का मामला केरल तक पहुंचा, विधानसभा में पारित किया गया प्रस्ताव
लक्षदीप प्रशासन की हालिया कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे वहां के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि लक्षद्वीप द्वीप समूह में स्वदेशी जीवन शैली और पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगा कि वहां पिछले दरवाजे से ‘भगवा एजेंडा’ लागू करने की योजना है, उन्होंने कहा कि एजेंडे के तहत नारियल के पेड़ों को भी केसरिया रंग से रंग दिया गया है।
उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर कॉरपोरेट कंपनियों के लिए लक्षद्वीप के लोगों के हितों से समझौता किया गया है।
विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया और वहां के प्रशासक को हटाने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि केरल में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आयी पिनराई सरकार का केंद्र की नीतियों के खिलाफ यह पहला प्रस्ताव है।
इससे पहले सदन ने केरल के पूर्व राज्यपाल आर. एल. भाटिया, मंत्री के. आर. गौरीअम्मा, श्री आर. बालकृष्ण पिल्लई, पूर्व मंत्री एवं केरल कांग्रेस नेता के. जे. चाको, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष सी.ए. कुरियन, श्री के.एम. हमसकुंजू और श्री बी. राघवन को भी श्रद्धांजलि दी।