तालुक अस्पताल में चिकित्सक की हत्या पुलिस और सरकार की विफलता का नतीजा: केरल हाई कोर्ट
केरल हाई कोर्ट ने कोल्लम जिले के कोट्टारक्कारा इलाके के एक तालुक अस्पताल में महिला चिकित्सक की हत्या को पूरे सुरक्षा तंत्र की विफलता करार देते हुए इस मामले में बुधवार को राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की एक विशेष पीठ ने कहा कि पुलिस को लोगों की सुरक्षा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है तथा उससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन वे युवा चिकित्सक की सुरक्षा करने में विफल रहे।
उच्च न्यायालय की विशेष पीठ ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, ‘‘ यह सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था की पूरी तरह से विफलता है। अस्पताल में पुलिस की सहायता चौकी होना ही काफी नहीं है। जब आप (पुलिस) जानते थे कि वह व्यक्ति असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो आपको उसे रोकना चाहिए था। आपको अप्रत्याशित स्थिति का अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहिए। अन्यथा पुलिस की कोई जरूरत नहीं है। समय के साथ, हमारा व्यवहार अकुशल हो गया है, क्या आपने इस महिला चिकित्सक को निराश नहीं किया? ’’
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, ‘‘ हमें इसी का डर था। हमने पहले भी कहा था कि ऐसा कुछ हो सकता है। इस घटना ने चिकित्सकों, मेडिकल छात्रों और उनके माता-पिता के बीच एक भय मनोविकार पैदा कर दिया है। ’’
अदालत ने राज्य सरकार से सवाल करते हुए पूछा, ‘‘चिकित्सक हड़ताल पर चले गए हैं। परिणामस्वरूप हजारों मरीजों को इलाज से वंचित करने के लिए आप क्या बहाना देंगे? क्या आज हड़ताल के कारण किसी मरीज को हुई किसी भी परेशानी के लिए आप चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं? ’’
दरअसल, आरोपी निलंबित स्कूल शिक्षक संदीप ने महिला चिकित्सक वंदना दास (23) की उस समय हत्या कर दी थी जब वह उसका इलाज कर रही थी। संदीप ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा किया था,और वह घायल था जिस कारण पुलिस उसे अस्पताल लेकर आई थी।
कोट्टारक्कारा पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार जब महिला चिकित्सक संदीप के पैर में लगे एक घाव पर पट्टी बांध रही थी तो उसी दौरान वह अचानक उत्तेजित हो गया और वहां खड़े सभी लोगों पर कैंची और सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से हमला कर दिया। यह घटना बुधवार सुबह तड़के हुई और कुछ घंटों बाद वंदना दास ने दम तोड़ दिया।
इस हमले का खामियाजा युवा चिकित्सक को भुगतना पड़ा, जबकि उसके साथ गए पुलिस कर्मी भी घायल हो गए। चिकित्सक को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।