लालू 'भोजन' की तरह खाते हैं दवाएं, रोज लेनी पड़ती है 17-18 दवाओं की खुराक
पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद हमेशा चर्चा में रहते हैं। चाहे उनका राजनीतिक स्टाइल हो या जेल मैनुअल का उल्लंघन। जेल में रहकर भी चर्चाओं में रहते हैं। उम्रदराज हो चुके लालू प्रसाद बीमारियों को लेकर भी चर्चा और विवादों में हैं। चाहे कोरोना में एहतियात के नाम पर रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित करने का मामला हो या मीडिया को बताने पर प्रतिबंध के बावजूद निदेशक बंगला में शिफ्ट करने की अनुशंसा करने वाले चिकित्सक का लालू की किडनी की खराब हालत को लेकर बयान। अदालत से लेकर सीबीआइ तक लालू की सेहत को लेकर चर्चा में रहते हैं। बहरहाल लालू प्रसाद कई तरह की बीमारियों से घिरे हैं। हर थोड़ी देर बाद दवाओं का डोज मिलता है। एक प्रकार से 'भोजन' की तरह। दिनभर में 17-18 दवाएं। हार्ट, किडनी, बीपी, शुगर, आर्थेराइटिस आदि की दवा लेने के साथ आंख में भी दवा डालनी पड़ती है।
उनकी किडनी के काम करने की क्षमता लगातार कम हो रही है। चिकित्सकों ने खाने में परहेज करने और दिनचर्या ठीक करने की सलाह दी है। तला, छना, नॉनवेज, ऊपर से नमक, मीठा सब पर काबू रखना है। रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में उन पर करीब से नजर रखने वाले बताते हैं कि रिम्स निदेश के बंगले में जब बिहार चुनाव के दौरान थे उनकी दिनचर्या बिगड़ी हुई थी। अनियमित खान-पान के साथ तनाव और अनियमित दिनचर्या ने उनकी परेशानी बढ़ाई थी।
इधर मीडिया को लालू प्रसाद की सेहत के संबंध में जानकारी देने से मनाही के बावजूद लालू प्रसाद की देखरेख करने वाले चिकित्सक डॉ उमेश प्रसाद के बयान कि 25 प्रतिशत की क्षमता से ही लालू प्रसाद की किडनी काम कर रही है पर रिम्स निदेशक ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी कर रखा है। उमेश प्रसाद और प्रभारी निदेशक की सिफारिश पर ही लालू प्रसाद को पूर्व में रिम्स निदेशक के बंगले पर शिफ्ट किया गया था। यह भी विवाद का मुद्दा बना हुआ है।