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31 March 2017

आदिवासियों का धर्मान्तरण रोकने के लिए कानून बनाए सरकार : नंदकुमार साय

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साय ने कहा, हमारा मत है कि जो जनजातियां धर्मान्तरित हो जाती है, उन्हें वे सब सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए, जो अभी उन्हें मिल रही हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे आदिवासियों का धर्मान्तरण रोका जा सके। अगर यह काम सरकार की तरफ से होता है तो इस तरह की घटनाओं को रोकने में बहुत मदद मिलेगी।

अध्यक्ष ने कहा कि आयोग की तरफ से भी पूरा प्रयास रहेगा कि आदिवासियों की संस्कृति को पूरी तरह से संरक्षित रखा जाए। उनकी परंपराएं बहुत समृद्ध हैं। वे प्रकृति की पूजा करते हैं। उन्हें आप कैसे धर्म सिखा सकते हैं। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि इन सब पर कानून बनाकर रोक लगाई जानी चाहिए।

साय ने कहा कि धर्मान्तरित होने वाले अनुसूचित जनजातियों के लोगों को मिलने वाली सुविधाएं उसी तरह बंद होनी चाहिए जैसा कि अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा धर्मान्तरण करने के मामलों में होता है।

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अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना में कमी करने और उसके धन के दुरूपयोग के बारे में विपक्षी दलों के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि अनुसूचित जनजाति के लिए धन में कटौती बिल्कुल नहीं की गई है। किन्तु यह अवश्य है कि राज्यों के स्तर पर इस समुदाय की योजनाओं को ढंग से लागू नहीं किया है।

साय ने कहा, आजकल एक मांग तेजी से उठ रही है कि एससी, एसटी को पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। पदोन्नति में आरक्षण को काटने की कोशिश की जा रही है जो कतई नहीं होगा। एससी, एसटी समुदाय को पदोन्नति में पहले भी आरक्षण मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।

विपक्ष के अनुसूचित जनजाति आयोग सहित विभिन्न संवैधानिक आयोगों में रिक्त पदों को नहीं भरने के आरोपों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हमारे आयोग में सारे पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। अनुसुइया उईके को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा एक महिला सहित तीन सदस्यों को भी नियुक्त किया गया है।

आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिकता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ उत्पीड़न, शोषण आदि की घटनाओं के मामले में आयोग ने बेहद तत्परता से काम करना शुरू कर दिया है। यदि पीड़ित पक्ष व्हाट्स ऐप के माध्यम से भी अपनी शिकायत भेजता है तो हम उस पर तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं।

साय ने आश्वासन दिया कि आयोग अनुसूचित जनजातियों के कल्याण तथा उनकी संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तत्परता से काम करेगा। भाषा

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TAGS: आदिवासी, धर्मांतरण, रोकने, कानून, सरकार, नंदकुमार साय, Laws, prevent, tribal, conversion, Nandkumar Sah
OUTLOOK 31 March, 2017
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