बालिका गृह कांड के गुनहगारों को बचा रहे नीतीश-मोदीः वाम दल
बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के विरोध में मंगलवार को वाम दलों ने राज्यभर में प्रदर्शन किया। वाम दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर बालिका गृह कांड के दोषियों को बचाने का आरोप लगाते हुए दोनों के इस्तीफे की मांग की।
विरोध-प्रदर्शन में सीपीआई (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, सीपीआई के प्रदेश सचिव सत्य नारायण सिंह और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता अरुण कुमार भी शामिल हुए। मुख्य विपक्षी दल राजद के कुछ नेता भी वामदलों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए।
राजधानी पटना में सैकड़ाें कार्यकर्ताओं ने पटना रेलवे स्टेशन से डाकबंगला तक मानव श्रृंखला बनाई। वे तय समय के भीतर बालिका गृह कांड की सीबीआई जांच पूरी करने की मांग कर रहे थे। इसी तरह की मानव श्रृंखला राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर बनाई गई।
कोशिश से सामने आई सच्चाई
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन शोषण का मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के प्रोजेक्ट ‘कोशिश’ की सोशल ऑडिट रिपोर्ट से सामने आई थी। रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न और हिंसा तथा पुरुष कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की बात कही गई थी। साथ ही कहा गया था कि लड़कियों को किसी भी खुली जगह में आवाजाही पर मनाही थी और उन्हें सिर्फ खाने के लिए कमरे से बाहर निकलने दिया जाता था।
मेडिकल जांच में बालिका गृह के 34 बच्चियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। फिलहाल सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इस मामले में मुख्य आरोपी बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ सेवा संकल्प का कर्ताधर्ता ब्रजेश ठाकुर है। शुरुआत में राज्य सरकार ने मामले में लीपापोती की कोशिश की थी। हालांकि दबाव बढ़ने पर राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था।