एलजी ने सीएम केजरीवाल को लिखा पत्र, कहा- मेरी राय या मंजूरी के लिए भेजी जाने वाली फाइल्स पर हों 'आपके दस्तखत', अधिकारी के नहीं
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक नोट भेजा है जिसमें कहा गया है कि सीएमओ द्वारा उनके हस्ताक्षर के बिना फाइलें उनकी राय और अनुमोदन के लिए भेजी जा रही हैं। एलजी ने स्पष्ट कहा है कि प्रस्तावों पर अधिकारी के नहीं सीएम के साइन जरूरी हैं। यह दावा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच विभिन्न मुद्दों पर खींचतान के बीच किया गया।
सूत्रों में से एक ने कहा, "मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर किए बिना एलजी के विचार, राय और अनुमोदन के लिए फाइलें सीएमओ द्वारा भेजी जा रही थीं। इन फाइलों को अक्सर उनके कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा एलजी सचिवालय को चिह्नित किया जाता था, जिसमें 'सीएम ने देखा और अनुमोदित' जैसे नोटिंग शामिल थे। कोई भी प्रस्ताव या ओपिनियन भेजते वक्त मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि उस पर उनका अपना दस्तखत हो ना कि किसी अधिकारी का। अप्रूवल के लिए सीएम के दस्तखत वाली फाइलें भेजें।
एलजी ने सीएम को लिखा कि आपके हस्ताक्षर के बिना यह स्पष्ट नहीं होता है कि क्या प्रस्ताव आपके द्वारा देखा गया है और आपके द्वारा स्वीकृत या नहीं। प्रभावी शासन के हित में यह सुनिश्चित किया जाए कि आपके कार्यालय द्वारा मेरी राय या अनुमोदन के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर आपके स्वयं द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बिना एलजी कार्यालय को भेजी जा रही फाइलें शहर के प्रशासन और शासन के साथ-साथ "अत्यंत संवेदनशील" मामलों से संबंधित थीं। ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे को लेकर एलजी और अरविंद केजरीवाल आमने-सामने आए हों। पद संभालने के बाद से एलजी सक्सेना ने सरकार के कामकाज में विभिन्न विसंगतियों का आरोप लगाया है। आप ने बदले में सक्सेना पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के विकास कार्यों को पटरी से उतारने के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया है।