दौसा में जीत गई जिंदगी, बोरवेल में फंसी 2 साल की बच्ची को 18 घंटे के ऑपरेशन के बाद निकाला गया
बुधवार को दौसा में 35 फुट गहरे खुले बोरवेल में गिरी दो साल की बच्ची के अठारह घंटे बाद, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने गुरुवार को बच्ची को सफलतापूर्वक बचा लिया। बचाए जाने के बाद लड़की को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एसपी रंजीता शर्मा ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की बदौलत बच्ची का बचाव अभियान सफल रहा।
एसपी ने कहा, "हमें बेहद खुशी है कि 18 घंटे के बचाव अभियान के बाद हम बच्ची को बोरवेल से निकालने में सफल रहे। यह वाकई बहुत कठिन काम था, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से हम इसमें सफल रहे। बच्ची को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने यह संभव बनाया।"
एनडीआरएफ के योगेश कुमार ने बताया कि लड़की 28 फीट की गहराई पर फंस गई थी और उसे बचाने के लिए समानांतर प्रयास शुरू किया गया।
कुमार ने कहा, "लड़की 28 फीट की गहराई पर फंस गई थी और उसे बचाने के लिए एक समानांतर रास्ता खोदा गया था। हमें उसे बोरवेल में बंद करने में परेशानी हुई। हम 21 फीट की गहराई पर उसके पास पहुंचे और पहली बार में ही सफल हो गए। उसकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया गया। बारिश के कारण बचाव अभियान में उम्मीद से अधिक समय लगा। एनडीआरएफ के कुल 30 लोग और एसडीआरएफ के 10 लोग बचाव अभियान में लगे थे।"
इससे पहले आज जिला कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने कहा कि टीमें लड़की को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन बारिश के कारण बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने कहा, "हम लड़की को बोरवेल से बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमने समानांतर और क्षैतिज दोनों तरह से खुदाई की है। लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया है, लेकिन हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।"
बुधवार को दौसा के बांदीकुई क्षेत्र में एक लड़की खुले बोरवेल में गिर गई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने बचाव अभियान शुरू किया।