18 May 2020
लॉकडाउन के कारण इस साल पंजाब को 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान: कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब की स्थिति हो सकती है खराब
कैप्टन ने राज्यों के लिए तत्काल आर्थिक पैकेज की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि परिवहन से आने वाला वैट या उत्पाद शुल्क, उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं मिल रहे हैं। सभी संसाधन सूख गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कदम नहीं उठाती तो पंजाब का अनुमान है कि आने वाले समय में स्थिति और खराब हो जाएगी। कैप्टन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने अब तक राज्यों के लिए कोई राहत पैकेज या राजस्व अनुदान की घोषणा क्यों नहीं की है। हमें न केवल अपने नियमित खर्चों बल्कि कोविड की विशाल चुनौती का चिकित्सा और मानवीय दृष्टिकोण से प्रबंधन करने के लिए धन की आवश्यकता है। हमें तुरंत पैसों की आवश्यकता है। लेकिन यह अभी तक नहीं आ रहा है।''
जुलाई-अगस्त में चरम पर पहुंच सकती है महामारी
पंजाब द्वारा कोरोना वायरस लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई-अगस्त में यह महामारी चरम पर पहुंच सकती है और यह सितंबर तक जारी रह सकती है। ऐसे में राज्य सबसे खराब स्थिति की भी तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में छूट और मामलों में तेजी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है तथा "अभी सबसे बड़ी चुनौती अन्य राज्यों और भारत के बाहर से आ रहे लोगों की बड़ी संख्या है।" उन्होंने कहा, ‘‘22 मई तक, 10 उड़ानों से राज्य के लोगों को लाने की उम्मीद है और विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार कुल संख्या 20,000 है।'' उन्होंने कहा कि प्रवासियों के रवाना होने से पहले वहीं परीक्षण किए जाने की उम्मीद की जाती है। लेकिन हम नहीं जानते कि यह कितना भरोसेमंद है।
विदेश से आने वाले लोगों के कारण कोरोना मामलों में उछाल
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जैसा हमने नांदेड़ के तीर्थयात्रियों के मामले में देखा, महाराष्ट्र सरकार जरूरी परीक्षण करने में विफल रही। विभिन्न देशों से आने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए भी यही बात है।" उन्होंने कहा कि राज्य में वापस आने वाले लोगों को पृथक-वास में रखने और उनके परीक्षण की व्यापक व्यवस्था करनी है। इससे राज्य के सीमित संसाधनों पर भारी दबाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के कारण राज्य में मामलों में हालिया उछाल आया। उन्होंने कहा कि शुरू में वृद्धि उस समय हुई जब प्रवासी भारतीय फरवरी-मार्च में आए और दूसरा दौर तबलीगी जमात के साथ आया। पंजाब में कोरोना वायरस के करीब 2,000 मामले सामने आए हैं और 32 लोगों की मौत हुई है।