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09 June 2018

मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग को नही मिले 60 लाख फर्जी वोटरों के सबूत, कांग्रेस ने की थी शिकायत

File Photo

हाल ही में मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों में भारी पैमाने पर गड़बड़ी होने की कांग्रेस की शिकायत को चुनाव आयोग ने जांच के बाद गलत बताया है। आयोग की ओर से शुक्रवार देर शाम कांग्रेस को भेजी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायत के आधार पर गठित जांच दलों ने राज्य के चार विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया, जिनमें गड़बड़ी जैसी कोई बात नहीं मिली है।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आयोग ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ से 3 जून को की गई शिकायत में गड़बड़ी वाले विधानसभा क्षेत्रों नरेला, होशंगाबाद, भोजपुर और सिओनी मालवा में मतदाता सूचियों की विस्तृत जांच कराई। इनमें से सिओनी मालवा क्षेत्र में 17 मतदान केन्द्रों की 82 सूचियों में से किसी में भी मतदाताओं के नाम का एक से अधिक बार उल्लेख नहीं पाया गया। जबकि इसी विधानसभा क्षेत्र के 20 मतदान केन्द्रों की मतदाता सूचियों में 2442 नाम मिलते जुलते पाए गए। इसकी जांच में 2397 नाम सही पाए गए जबकि 45 नामों को संबद्ध मतदाता की मौत या स्थानांतरण के कारण मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है।

इसी तरह नरेला विधानसभा क्षेत्र की शिकायत में मतदाता सूची के 22252 नामों में से 17684 मतदाताओं के मामले अनूठे पाए गए, जिनमें से 1776 मामलों में मतदाता के नाम और उसके रिश्तेदार के नाम एक ही पाए गए। इनमें से 154 मामलों की जांच में 153 मामले सही पाए गए।

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रिपोर्ट के अनुसार, जांच दल ने होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की शिकायत में वर्णित 552 मामलों की जांच की जिसमें एक भी मतदाता का नाम मतदाता सूची में अनेक बार दर्ज होने की पुष्टि नहीं हुयी। वहीं भोजपुर में शिकायत वाले 36 मामलों की जांच में 29 के नाम सही पाए गए जबकि सात मामलों को मतदाता सूची दुरुस्त करने की प्रक्रिया के तहत सही कर लिया जाएगा।

आयोग ने विस्तृत जांच के आधार पर निष्कर्ष के तौर पर कहा कि इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में एक ही मतदाता का नाम मतदाता सूची में कई बार दर्ज होने के मामलों की बहुतायत होने की शिकायत सही नहीं है। जबकि एक ही तस्वीर वाले अनेक मतदाता पाए जाने की शिकायत को आयोग ने यह बताते हुए सही नहीं पाया कि यह एक ही मतदाता का सूची में बार बार उल्लेख का मामला नहीं है। बल्कि यह महज एक ही फोटो के अनेक बार उपयोग का मामला है जिसे ठीक करने के लिए कह दिया गया है।

आयोग ने फर्जी मतदाता सूची की शिकायत पर कहा कि मध्य प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से मतदाताओं की हिस्सेदारी साल 2008 में 52.76 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 61.45 प्रतिशत हो गयी है। इसलिए जनसांख्यकीय आंकड़ों के आधार पर मतदाता सूचियों को अपडेट किया गया है। इस आधार पर इसे फर्जी मतदाता सूची का मामला नहीं माना जा सकता है। आयोग ने शिकायत के विभिन्न आधारों की पुख्ता जांच के बाद इन्हें खारिज करते हुए कांग्रेस से इस तरह की आशंकाऐं पाए जाने पर भविष्य में भी सूचित करने का आग्रह किया जिससे शंकाओं का तत्काल समाधान किया जा सके।

 

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TAGS: Madhya Pradesh, Election Commission, finds no evidence, on congress's fake, voters claim
OUTLOOK 09 June, 2018
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