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15 May 2025

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर पर पुलिस से विवरण मांगा

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में मंत्री विजय शाह के खिलाफ उसके आदेश पर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर बृहस्पतिवार को असंतोष व्यक्त किया और कहा कि यह व्यापक होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने पिछले आदेश के अनुपालन को दिखाने के लिए जब इसे उनके समक्ष रखा तो उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वरूप में, यदि एफआईआर को चुनौती दी जाती है तो इसे खारिज किया जा सकता है।

अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब आदिवासी मामलों के मंत्री शाह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया। शीर्ष अदालत शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करेगी।

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उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिस को एफआईआर में कथित अपराधों का व्यापक विवरण शामिल करना चाहिए और इसे उसके बुधवार के आदेश के अनुरूप होना चाहिए। पीठ ने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।

बुधवार को उच्च न्यायालय ने मंत्री के विवादित बयानों पर स्वत: संज्ञान लिया था।

उसी के अनुसार शाह के खिलाफ बुधवार रात इंदौर जिले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कृत्य), 196(1)(बी) (समुदायों के बीच आपसी सद्भाव को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाला कृत्य, जिससे सार्वजनिक अशांति पैदा होने की संभावना हो) और 197(1)(सी) (सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला समुदाय के सदस्य को लक्षित करने वाला बयान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

कर्नल कुरैशी तब सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर हमला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पिछले सप्ताह चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

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TAGS: Madhya Pradesh High Court, Police, FIR, Minister Vijay Shah
OUTLOOK 15 May, 2025
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