अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल की अनुमति
राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल सी, विद्यासागर राव ने आज आदर्श कोआॅपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी मामले में सीबीआई को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर सीआरपीसी की धारा 197, भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (षड्यंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा चलाने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।
उन्होंने बताया कि आठ अक्तूबर 2015 को मुंबई में सीबीआई के संयुक्त निदेशक ने न्यायमूर्ति पाटिल आयोग की जांच रिपोर्ट और आपराधिक संशोधन के आवेदन पर मुंबई उच्च न्यायालय की टिप्पणियों जैसे अतिरिक्त और ताजा सामग्री के अधार पर सीआरपीसी की धारा 197 के तहत चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मांगी थी।
उन्होंने कहा, राज्यपाल ने हाल ही में मंत्रिापरिषद की सहायता और सलाह मांगी थी और मंत्रियों की परिषद ने मंजूरी (सीबीआई को) देने की सलाह दी थी। नांदेड से लोकसभा सदस्य और एमपीसीसी के अध्यक्ष चव्हाण 2010 में घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्राी पद से हट गये थे। मामले के सिलसिले में जांच एजेंसी ने 12 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था जिसमें वह भी शामिल थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि चव्हाण ने पूर्व सैनिकों और रक्षा कर्मियों की विधवाओं के लिए दक्षिण मुंबई के कोलाबा में आलीशान परिसर में स्थित आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में अपने परिजनों के लिए फ्लैट आवंटन सुनिश्चित करने के लिए नागरिक सदस्यों को शामिल करने का सुझाव दिया था। दिसंबर 2013 में तत्कालीन राज्यपाल के शंकरनारायण ने आदर्श हाउसिंग घोटाले में चव्हाण पर मुकदमा चलाने की सीबीआई को मंजूरी नहीं दी थी। ऐसे में एजेंसी के पास उनके खिलाफ मामला बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
हाल ही में महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल को मामले में चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की थी। चव्हाण ने तब भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की फैसले को बदले की कार्रवाई करार दिया था।