मराठी फिल्मों पर झुकने से खफा शिवसेना
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में सेना ने आज राज्य के संस्कृति मंत्री विनोद तावड़े से कहा कि वह मल्टीप्लेक्सों में शाम छह से नौ के बीच मराठी फिल्मों को दिखाए जाने की अपनी पूर्ववती घोषणा पर दृढ़ रहे।
‘प्राइम टाइम भीख नहीं’ शीर्षक से लिखे इस संपादकीय में कहा गया है, ‘प्राइम टाइम भीख नहीं बल्कि मराठी सिनेमा का हक है।’ शिवसेना ने कहा कि सरकार का मल्टीप्लेक्सों में मराठी सिनेमा दिन के 12 बजे से रात के नौ बजे के बीच कभी भी दिखाए जाने का हालिया कदम दर्शाता है कि सरकार ने सिनेमाघर मालिकों के सामने घुटने टेक दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि मराठी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा कर रही हैं और बेहतर विषयवस्तु दिखा रही हैं। उन्हें गलत टाइम स्लॉट देकर उनकी गणना कम की जा रही है और ऐसा सिनेमाघरों के मालिकों के रैकेट और कुछ बेइमान निर्माताओं के कारण हो रहा है।
इसमें कहा गया है कि मराठी सिनेमा ऑस्कर तक जा चुका है और इसका दर्शक वर्ग बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र के भारतीय सिनेमा को दिए योगदान को याद करते हुए इसमें लिखा है, ‘वी. शांताराम और सी. रामचंद्र (संगीत निर्देशकों) जैसे चमकते मराठी सितारों ने हिंदी सिनेमा को अपना अमूल्य योगदान दिया है।’ अगर महाराष्ट्र में मराठी सिनेमा प्राइम टाइम में नहीं दिखाया जा रही तो सरकार मूक दर्शक नहीं रह सकती।