Advertisement
21 July 2016

ममता का शक्ति प्रदर्शन, केन्द्र को कोसा, कांग्रेस- माकपा में सेंध लगाई

कोलकाता में आयोजित जनसभा में जुटी भीड़। मुख्य सड़क का छह किलोमीटर लंबा हिस्सा जनसभा स्थल में बदल गया

मौका था तृणमूल कांग्रेस द्वारा कोलकाता में आयोजित सालाना शहीद दिवस जनसभा का। ज्योति बसु सरकार के जमाने में 21 जुलाई 1993 को ममता बनर्जी की अगुवाई में युवा कांग्रेसियों के जुलूस पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। 1997 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद इस दिन को तृणमूल सुप्रीमो ने शहीद दिवस घोषित कर सालाना जनसभा आयोजित करने का ट्रेंड चला दिया। इस दिन की जनसभा वस्तुतः ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक शक्ति परीक्षण और शक्ति प्रदर्शन- दोनों ही होता है।

इस साल के आयोजन में खास यह है कि बंगाल में ममता बनर्जी दूसरी अवधि के लिए सरकार गठन का जनमत पाकर लौटी हैं। तृणमूल कांग्रेस की गुरुवार की जनसभा में इसका जोश भी दिखा। अतीत की जनसभाओं से दोगुनी ज्यादा संख्या में कार्यकर्ता जुटे थे। इस मौके पर ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार को कोसते हुए आरोपों की बौछार लगा दी। यह ज्योति बसु के जमाने से चला आ रहा है कि विकास के मोर्चे पर लगातार पिछड़ने वाली राज्य सरकार के नुमाइंदे केंद्र को निशाने पर रखकर अपनी राजनीति साधते रहे हैं।

ममता बनर्जी ने औद्योगिकरण न होने के लिए केंद्र को कोसा और कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की तलवार लटका दिए जाने के चलते अब तक 80 हजार से ज्यादा उद्योगपति देश छोड़कर चले गए हैं। केंद्र की मौजूदा सरकार ने देश का फेडरल ढांचा अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्यों के ऊपर कर्ज का बोझ लाद दिया गया है। इन सारी स्थितियों से निपटने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं को लड़ाकू बनना होगा।

Advertisement

वे फिलहाल बंगाल और पूर्व की राजनीति में रमी रहेंगी। उनका अगला लक्ष्य बंगाल के पंचायत चुनाव और त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव हैं। जनसभा के मंच से कांग्रेस और माकपा के एक-एक विधायकों के साथ ही दोनों ही पार्टियों के कई प्रभावशाली नेताओं को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया। मालदा, दिनाजपुर, पुरुलिया और कोलकाता में कांग्रेस और माकपा के नेताओं को तोड़ा। बांकुड़ा के विष्णुपुर के कांग्रेस विधायक तुषारकांति भट्टाचार्य और मालदा के गाजोल से माकपा विधायक दीपाली विश्वास को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया। दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी पार्टियों ने विधानसभा के स्पीकर को लिखा है। इन दोनों के अलावा पश्चिम मेदिनीपुर से खड़गपुर नगर निगम के पूर्व चेयरमैन रविशंकर पांडे और चार अन्य काउंसिलर को तोड़ा। दल बदल करवाकर दिनाजपुर के कालियागंज म्युनिसीपैलिटी का बोर्ड कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस ने छीन लिया। यह इलाका प्रियरंजन दासमुंशी और दीपा दासमुंशी का गढ़ रहा है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने जनसभा में कहा, दीपा दासमुंशी ने भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी के खिलाफ प्रतिद्वंद्विता की थी। अब उन्ही के गढ़ में तृणमूल ने सेँध लगा दी है। इसी तरह पुरुलिया, मुर्शिदाबाद और दार्जिलिंग में विपक्ष के प्रमुख नेताओं को तृणमूल ने तोड़ा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: बंगाल, ममता बनर्जी, शक्ति प्रदर्शन, केंद्र, भाजपा, कांग्रेस, वाममोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, Mamata, show of strength, raps centre, congress, cpim
OUTLOOK 21 July, 2016
Advertisement